• जपोरिजिया(Zaporizhzhia) परमाणु रिएक्टर के क्षतिग्रस्त होने से परमाणु सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं।
• जपोरिजिया(Zaporizhzhia), यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु रिएक्टर है। यह दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन में नीपर नदी के तट पर स्थित है। इस रिएक्टर पर वर्तमान में रूसी सेना का नियंत्रण है।
• यह नदी काला सागर में मिल जाती है।
• परमाणु सुरक्षा (Nuclear security) से आशय परमाणु सामग्री, अन्य रेडियोधर्मी पदार्थ या इनसे जुड़े प्रतिष्ठानों से संबंधित या निर्देशित आपराधिक या इरादतन अवैध कृत्यों की रोकथाम करने, पता लगाने और कदम उठाने से है।
• अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने ‘परमाणु सुरक्षा के सात अपरिहार्य स्तंभों’ को रेखांकित किया है।
परमाणु(Zaporizhzhia) प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय विनियम निम्नलिखित हैं:
• परमाणु सामग्री और परमाणु सुविधाओं की भौतिक सुरक्षा पर कन्वेंशन (CPPNM)
• संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संकल्प-1540 (2004);
• परमाणु आतंकवाद के कृत्यों को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन (ICSANT), 2005;
भारत में परमाणु सुरक्षा के पांच तत्व निम्नलिखित हैं:
• गवर्नेसः परमाणु ऊर्जा अधिनियम 1962; रेडियोधर्मी अपशिष्ट के सुरक्षित निपटान नियम (1987) तथा विकिरण से सुरक्षा (2004)।
• संस्थानः परमाणु ऊर्जा विनियामक बोर्ड (AERB)।
• परमाणु सुरक्षा कार्य और संस्कृतिः नेशनल डिजाइन बेसिस थ्रेट डॉक्यूमेंट, केंद्रीय 7. औद्योगिक सुरक्षा बल आदि।
•प्रौद्योगिकीः प्लूटोनियम के ‘पुनः उपयोग के लिए पुनर्प्रसंस्करण’ के साथ क्लोज्ड फ्यूल चक्र।
• अंतर्राष्ट्रीय सहयोगः भारत CPPNM और ICSANT सहित सभी 13 आतंकवाद-रोधी कन्वेंशंस का पक्षकार है।
परमाणु सुरक्षा के सात अपरिहार्य स्तंभ:
1.परमाणु प्रतिष्ठानों को भौतिक रूप से अनुल्लंघनीय बनाना सुनिश्चित करना चाहिए। परमाणु प्रतिष्ठानों में रिएक्टर, फ्यूल पॉण्ड या रेडियोधर्मी अपशिष्ट भंडार शामिल हैं।
2.परमाणु प्रतिष्ठानों में सभी सुरक्षा प्रणालियां और उपकरण हर समय पूरी तरह से सक्रिय होने चाहिए।
3.ऑपरेटिंग स्टाफ को अपने सुरक्षा और रक्षा संबंधी कर्तव्यों को पूरा करने में सक्षम होना चाहिए। उनमें अनुचित दबाव से मुक्त होकर निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए।
4.सभी परमाणु प्रतिष्ठानों में ग्रिड से सुरक्षित ऑफ-साइट (कहीं और से) बिजली आपूर्ति की सुविधा होनी चाहिए।
5.परमाणु प्रतिष्ठानों तक और वहां से निर्वाध लॉजिस्टिक्स आपूर्ति श्रृंखला तथा परिवहन की व्यवस्था होनी चाहिए।
6.परमाणु प्रतिष्ठानों पर और उस केंद्र से दूर विकिरण निगरानी की प्रभावी व्यवस्था तथा आपातकालीन तैयारी और प्रतिक्रिया उपाय किए जाने चाहिए।
7.विनियामक संस्था और अन्य हितधारकों के साथ विश्वसनीय संवाद एवं संचार सुविधा स्थापित होनी चाहिए