• उरुग्वे दौर की वार्ता की समाप्ति के बाद 1994 में 123 देशों ने मराकेश (मोरक्को) में “मराकेश समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। जिससे WTO बनकर तैयार हुआ।
• इस समझौते से ही 1995 में एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में WTO की स्थापना हुई थी।
WTO ने “प्रशुल्क और व्यापार पर सामान्य समझौते (GATT)” की जगह ली है।
मराकेश समझौते के बारे में:
• यह WTO के सभी सदस्यों के बीच व्यापारिक संबंधों के लिए बुनियादी फ्रेमवर्क के रूप में कार्य करता है।
• इसने व्यापार के दायरे का विस्तार किया है तथा इसमें “वस्तुओं” के साथ-साथ सेवाओं, बौद्धिक संपदा और अन्य क्षेत्रक संबंधी व्यापार को भी शामिल किया गया है।
• इसने आधुनिक बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की स्थापना की है।
इससे सदस्यों के बीच वार्ता, विवाद निपटान और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिला है।
• इसने WTO के शासी निकायों की भी स्थापना की है।
इन निकायों में मंत्रिस्तरीय सम्मेलन, सामान्य परिषद और विशेषीकृत परिषद शामिल हैं।
• मंलिस्तरीय सम्मेलन, WTO का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है।
WTO की उपलब्धियां:
• व्यापार के समक्ष बाधाओं को कम करनाः 1995 के बाद से वैश्विक व्यापार की वास्तविक माला 2.7 गुना बढ़ गई है।
साथ ही, प्रशुल्क की औसत दर 10.5% से कम होकर 6.4% हो गई है।
प्रशुल्क दर में यह लगभग 50 फीसदी की कमी है।
• वैश्विक वैल्यू चेन का उदय: इन वैल्यू चेन्स के भीतर होने वाला व्यापार आज कुल पण्य (Merchandise) व्यापार का लगभग 70% है।
• विकासशील देशों में संवृद्धिः 1995 के बाद से गरीबी में सबसे तेजी से कमी दर्ज की गई है।
साथ ही, सभी देशों में क्रय शक्ति में वृद्धि भी दर्ज की गई है।
• अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौते और नियमः इनमें ‘बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार संबंधी पहलू (ट्रिप्स/ TRIPS) समझौता, नैरोबी पैकेज, व्यापार सुविधा समझौता, दोहा विकास एजेंडा आदि शामिल हैं।
विश्व व्यापार संगठन (WTO) के बारे में:
• स्थापनाः इसकी स्थापना 1995 में की गई थी।
यह राष्ट्रों के बीच व्यापार के नियमों को लागू करने वाला विश्व स्तर का एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
• उद्देश्यः यह सदस्य देशों की व्यापार के जरिए अपने नागरिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने, रोजगार के अवसर उत्पन्न करने और लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद करता है।
• सदस्यः भारत सहित 166 सदस्य हैं।
ज्ञातव्य है कि कोमोरोस और तिमोर लेस्ते इसके क्रमशः 165 वें एवं 166वें सदस्य बने हैं।
ये देश वैश्विक व्यापार के 98% हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं।
• मुख्यालयः जिनेवा (स्विट्जरलैंड)।
• निर्णयः आमतौर पर सर्वसम्मति से लिए जाते हैं।