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विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे(WikiLeaks Julian Assange):

विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे(WikiLeaks Julian Assange) ने एक अमेरिकी अदालत में अपना गुनाह कबूल कर लिया था।

उनका कबूलनामा एक समझौते के तहत हुआ है।

इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया और वे अपने गृह देश ऑस्ट्रेलिया वापस चले गए।

विकीलीक्स की स्थापना 2006 में की गई थी। इसे युद्ध, जासूसी और भ्रष्टाचार से जुड़ी सेंसर वाली या प्रतिबंधित सामग्री का डेटाबेस प्रकाशित करने के लिए स्थापित किया गया था।

WikiLeaks Julian Assange

2010 में, विकीलीक्स(WikiLeaks Julian Assange)द्वारा

इराक और अफगानिस्तान में हुए युद्ध के कुछ गोपनीय अमेरिकी सैन्य दस्तावेज़ एवं वीडियो सार्वजनिक किए थे।

गौरतलब है कि विकीलीक्स इंटरनेट पर व्हिसलब्लोअर प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है।

व्हिसिलब्लोइंग(WikiLeaks Julian Assange):

इसके तहत किसी कंपनी या सरकार की धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार जैसे अनैतिक कार्यों के बारे में जनता या किसी उच्च प्राधिकारी के सामने जानकारी का खुलासा किया जाता है।

इससे जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलता है, कदाचार का खुलासा होता है तथा लोक हितों की रक्षा सुनिश्चित होती है।

विकिलीक्स(WikiLeaks Julian Assange) मामले में शामिल नैतिक मुद्देः

व्हिसलब्लोअर्स की सुरक्षा बनाम राष्ट्रीय सुरक्षाः

गलत या अनैतिक कार्यों का खुलासा करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा,

तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष खतरे को ध्यान में रखते हुए जानकारियों को गोपनीय रखने की सरकारी जिम्मेदारी के बीच नैतिक दुविधा की स्थिति उत्पन्न होती है।

ऐसा इसलिए कि दोनों अपनी-अपनी जगह पर सही हैं।

गोपनीय जानकारी को सार्वजनिक करने के मामले में मीडिया की जिम्मेदारीः

सरकार की कार्रवाइयों के बारे में जनता को बताना मीडिया की नैतिक जिम्मेदारी है,

लेकिन उसकी यह भी जिम्मेदारी बनती है कि वह नुकसान पहुंचाने वाली या संवेदनशील जानकारी से बेहतर तरीके से निपटे

लोगों का “सूचना का अधिकार” बनाम “सरकार द्वारा गोपनीयता बरतने की आवश्यकता”:

सरकार के कार्यों या कार्रवाइयों के बारे में जानने के नागरिकों के अधिकार तथा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में,

गोपनीयता बनाए रखने की सरकार की बाध्यता के बीच संतुलन स्थापित करना चुनौतीपूर्ण कार्य है।

सरकार की गोपनीय सूचनाओं की सुरक्षा के लिए भारतीय कानून/ नियम:

ऑफिसियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923:

यह जासूसी, राजद्रोह तथा राष्ट्र की अखंडता के समक्ष अन्य संभावित खतरों से निपटने के लिए फ्रेमवर्क प्रदान करता है।

केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 का नियम 11:

यह सरकारी कर्मचारियों द्वारा आधिकारिक सूचना के संचार से संबंधित है।

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 8 (1):

यह धारा कुछ ऐसी सूचनाओं को प्रदान करने पर रोक लगाती है, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं।

https://newsworldeee.com/dark-web-darknet/india-world-news/

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