हाल ही में केरल में वेस्ट नाइल बुखार(West Nile Virus) के मामले दर्ज किए गए हैं। वेस्ट नाइल बुखार, वेस्ट नाइल वायरस के कारण होता है।
वेस्ट नाइल वायरस(West Nile Virus) के बारे में:
• पहला मामलाः पहली बार 1937 में युगांडा के पश्चिमी नाइल जिले में इस वायरस की पहचान की गई थी।
इसलिए, इस वायरस को वेस्ट नाइल वायरस नाम दिया गया।
• वायरस फैमिलीः यह फ्लेवीवायरस जीनस से संबंधित है।
• रोगवाहक (वेक्टर):
संक्रमित मच्छरों, विशेष रूप से जीनस क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से संक्रमण फैलता है।
• नेचुरल होस्टः पक्षी।
• स्वास्थ्य को खतराः यह तंत्रिका में गंभीर रोग का कारण बन सकता है और कई मामलों में मृत्यु भी हो जाती है।
हालांकि, लगभग 80% संक्रमित व्यक्तियों में कोई शुरुआती लक्षण नहीं दिखाई देते हैं।
• टीकाकरणः इस वायरस से संक्रमित घोड़ों के लिए टीके उपलब्ध हैं,
लेकिन मनुष्यों के लिए कोई टीका नहीं बनाया गया है।