हाल ही में, अरब लीग ने मनामा घोषणा-पत्र को अपनाया है। इसमें इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष समाप्त करने के लिए टू-स्टेट सॉल्यूशन लागू होने तक संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षक(UN PeaceKeepers) सैनिक तैनात करने की मांग की गई है।
अरब लीग का गठन 1945 में हुआ था। इसके उद्देश्य हैं- क्षेत्रीय सह्योग को बढ़ावा देना और विवादों का शांतिपूर्ण समाधान निकालना। मध्य-पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के देश इसके सदस्य हैं।
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन(UN PeaceKeepers) के बारे में:
उत्पत्तिः पहले संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन का गठन 1948 में किया गया था।
इसे यूनाइटेड नेशंस टूस सुपरविजन आर्गेनाइजेशन (UNTSO) नाम दिया गया था।
इस पहले मिशन के तहत पश्चिम एशिया में सैन्य पर्यवेक्षक तैनात किए गए थे, ताकि युद्धविराम समझौते का पालन किया जा सके।
उद्देश्यः ये मिशन संघर्ष से प्रभावित देशों को शांति स्थापित करने में मदद करते हैं।
शांति स्थापना मिशन(UN PeaceKeepers) के प्रमुख मार्गदर्शक सिद्धांत निम्नलिखित हैं:
संघर्ष के पक्षकारों की सहमति
निष्पक्षता
आत्मरक्षा और मिशन के कार्यादेश (मैडेट) की रक्षा को छोड़कर बल का उपयोग न करना।
तैनातीः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एक संकल्प अपनाकर संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन की तैनाती निर्धारित करती है।
हालांकि, इस मिशन का बजट और संसाधन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मंजूर किए जाते हैं।
संयुक्त राष्ट्र का प्रत्येक सदस्य देश शांति स्थापना हेतु अपना-अपना अंशदान करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है।
संयुक्त राष्ट्र का पीस ऑपरेशन्स विभाग (DPO) शांति स्थापना अभियानों को राजनीतिक और कार्यकारी दिशा प्रदान करता है।
सफलताः 1948 के बाद से 70 से अधिक शांति स्थापना मिशन अभियान चलाए गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक बल को 1988 के नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन से जुड़ी चिंताएं:
शांति स्थापना मिशन में सैन्य बल का योगदान देने वाले देशों को मिशन की योजना के सभी चरणों में पूरी तरह से शामिल नहीं किया जाता है;
ये मिशन अक्सर वित्तीय और मानव संसाधनों की कमी का सामना करते रहे हैं आदि।
भारत और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन:
भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन के तहत अब तक 2 लाख से अधिक सैनिकों का योगदान दिया है।
यह किसी देश द्वारा सर्वाधिक सैन्य बल योगदान है।
2007 में, भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन में केवल महिलाओं वाला दल भेजने वाला पहला देश बना था।
शांति स्थापना अभियानों के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा केंद्र (CUNPK) की स्थापना की गई है।