बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न इस उष्णकटिबंधीय चक्रवात(Tropical Cyclone) का ‘रेमल’नाम(Cyclone Remal) ओमान ने दिया है। अरबी भाषा में इसका अर्थ ‘रेत’ होता है।
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों(Tropical Cyclone) के बारे में:
ये तीव्र घूर्णन गति वाले तूफान होते हैं।
ये उष्णकटिबंधीय महासागरों के ऊपर उत्पन्न होने वाली बिना वाताग्र वाली निम्न दाबयुक्त प्रणाली हैं।
इन्हें हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवात (साइक्लोन), अटलांटिक में हरिकेन, पश्चिमी प्रशांत एवं दक्षिण चीन सागर में टाइफून और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में विली-विलीज़ के रूप में जाना जाता है।
ये चक्रवात इनके केंद्र अर्थात् इनकी आँख के ऊपर चारों ओर निर्मित कपासी वर्षी मेघों में संघनन से ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
किसी चक्रवात के केंद्र के शांत क्षेत्र को “चक्रवात की आँख” कहते हैं।
यह बादलों से मुक्त क्षेत्र होता है और इसमें पवन का वेग बहुत कम होता है।
जब ये चक्रवात भूमि पर पहुंचते (लैंडफॉल) हैं, तो उनमें आर्द्रता की आपूर्ति बंद हो जाती है और चक्रवात कमजोर हो जाता है। का वेग बहुत कम होता है।
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों(Tropical Cyclone) की उत्पत्ति के लिए अनुकूल परिस्थितियां:
27 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान वाली विशाल समुद्री सतह;
कोरिओलिस बल की उपस्थितिः
कोरिओलिस बल की अनुपस्थिति के कारण भूमध्य रेखा के निकट उष्णकटिबंधीय चक्रवात नहीं बनते हैं।
पवन की ऊर्ध्वाधर गति में लगातार होते छोटे बदलाव,
पहले से मौजूद कमजोर निम्न दाब वाला क्षेत्र आदि।
चक्रवात प्रवण क्षेत्रों के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की कलर कोडेड मौसम चेतावनियां:
ग्रीनः चक्रवात पूर्व निगरानी, यह चेतावनी 72 घंटे पहले जारी की जाती है।
येलोः चक्रवात अलर्ट, यह चेतावनी कम-से-कम 48 घंटे पहले जारी की जाती है।
ऑरेंजः चक्रवात वॉर्निंग, यह चेतावनी कम-से-कम 24 घंटे पहले जारी की जाती है।
रेडः पोस्ट लैंडफॉल आउटलुक, कम-से-कम 12 घंटे पहले जारी किया जाता है।
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नामकरण:
संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने चक्रवात नामकरण की प्रक्रिया को अपनाया है।
किसी महासागरीय बेसिन के लिए जिम्मेदार संस्था उष्णकटिबंधीय चक्रवात क्षेत्रीय निकाय (TCRB) द्वारा चक्रवात के नामों की एक सूची तैयार की जाती है।
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों पर WMO/ ESCAP पैनल पांच उष्णकटिबंधीय चक्रवात क्षेत्रीय निकायों (TCRBs) में से एक है।
यह उत्तरी हिंद महासागर (बंगाल की खाड़ी और अरब सागर)में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नामकरण करता है।
इसके सदस्यों में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, पाकिस्तान, श्रीलंका, ओमान, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शामिल हैं।
सभी सदस्य देशों द्वारा 13 नामों की एक सूची प्रदान की जाती है,
जिनका क्रमिक रूप से उपयोग किया जाता है।