• भूटान ने Tiger Protection के लिए ‘टाइगर कंजर्वेशन कोएलिशन’ के साथ मिलकर इस सम्मेलन की मेजबानी की है।
• इस सम्मेलन में बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, भारत, कजाकिस्तान, मलेशिया, नेपाल, थाईलैंड और वियतनाम ने भाग लिया। ये बाघ पर्यावास वाले देश हैं।
इस सम्मेलन के उद्देश्य थे(Tiger Protection);
• बाघ संरक्षण(Tiger Protection) के लिए नए वित्तीय तंत्र विकसित करना;
• बाघ संरक्षण को वैश्विक जैव विविधता एजेंडा और जलवायु एजेंडा से जोड़ना; तथा
• बाघ संरक्षण से जुड़ी पहलों में देशज लोगों और स्थानीय समुदायों को शामिल करना।
Tiger Protection)सम्मेलन के महत्वपूर्ण परिणामः
• इसने बाघ को एशिया की प्रतीकात्मक (Emblematic) प्रजाति तथा एक प्रतिष्ठित सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रतीक के रूप में स्वीकार किया।
• बाघ संरक्षण के लिए 2034 तक 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त धनराशि जुटाने की प्रतिबद्धता प्रकट की गई।
• संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने टाइगर लैंडस्केप्स इन्वेस्टमेंट फंड प्रस्तुत किया।
• एशियाई विकास बैंक ने “टाइगर बॉण्ड” जारी करने का प्रस्ताव रखा।
• बाघों की आबादी को बढ़ाने के लिए दीर्घकालिक रणनीति के रूप में 63 महत्वपूर्ण बाघ भू-परिदृश्यों (टाइगर लैंडस्केप्स) को सुरक्षित करने पर जोर दिया गया।
• बाघ संरक्षण भू-परिदृश्य (Tiger conservation landscapes) बाघों के पर्यावास के बड़े भू-खंड होते हैं।
यहां मानव जनित गतिविधियां कम होती हैं और ये बाघों के रहने के लिए आदर्श क्षेत्र होते हैं।
• बाघों की आबादी और संबंधित पारिस्थितिक लाभों को बनाए रखने के लिए बाघ भू-परिदृश्य विशिष्ट निवेश की आवश्यकता है।
• 2015 के बाद से, विश्व में बाघों की आबादी 2015 की 3,200 से बढ़कर 2022 में लगभग 4,500 हो गई है।
बाघ भू-परिदृश्य के संरक्षण का महत्त्व:
• वे स्थानीय समुदायों और जैव विविधता के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की आदर्श मिशाल हैं।
• बाघ भू-परिदृश्य कार्बन पृथक्करण (Carbon sequestration) और जल विनियमन जैसी पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं की आपूर्ति में योगदान देते हैं।
• बाघों के संरक्षण से जंगल भी सुरक्षित रहते हैं, क्योंकि मानवीय गतिविधियां न के बराबर होती हैं।
इस प्रकार, ये जंगल वायुमंडल से CO2 को हटाने में योगदान देते हैं।
• जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में सहायक हैं।