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चीन के वैज्ञानिकों ने स्मार्टफोन से सीधे सैटेलाइट कॉल को संभव बनाने वाला दुनिया का पहला ऑर्बिटर(Tiangong-1) बनाया है

• इसके लिए चीन के वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट सीरीज (तिआनगोंग-1/Tiangong-1) विकसित किया है।

यह दुनिया की पहली ऐसी सैटेलाइट सीरीज है जिसकी मदद से बेस ट्रांसीवर स्टेशन (BTS) या सेलुलर टावर्स जैसी ग्राउंड-बेस्ड अवसंरचना के बिना स्मार्टफोन से कॉल किया जा सकता है।

चीन की उपग्रह(Tiangong-1) आधारित संचार प्रौद्योगिकी (SCT) के बारे में:

Tiangong-1सैटेलाइट उपग्रह जो स्मार्ट फोन को कनैक्ट करेगा

• तिआनगोंग-1(Tiangong-1) श्रृंखला में तीन उपग्रह शामिल हैं।

इन उपग्रहों को पृथ्वी से लगभग 36,000 कि.मी. की ऊंचाई पर भू-तुल्यकालिक (Geosynchronous) कक्षा में स्थापित किया गया है।

ये उपग्रह मध्य पूर्व (Middle East) से लेकर प्रशांत महासागर तक संपूर्ण एशिया-प्रशांत क्षेत्र को कवर करते हैं।

• पृथ्वी के ऊपर भू-तुल्यकालिक कक्षा में स्थापित उपग्रह पृथ्वी की घूर्णन गति के साथ पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं।

• सितंबर, 2023 में हुआवेई टेक्रोलॉजीज नामक कंपनी ने सीधे तिआनगोंग(Tiangong-1) उपग्रहों की मदद से सैटेलाइट कॉल वाला दुनिया का पहला स्मार्टफोन बनाया था।

SCT से निम्नलिखित लाभ होंगे(Tiangong-1):

• पहुंचः इससे सुदूर, ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए संचार सेवाओं की सुगम पहुंच सुनिश्चित होगी।

• आपदा के दौरान उपयोगः

यह प्राकृतिक आपदाओं या अन्य आपात स्थितियों के चलते क्षतिग्रस्त स्थलीय नेटवर्क के दौरान काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

• सैन्य और रक्षा उपयोगः

यह सुरक्षित और विश्वसनीय संचार, नेविगेशन, निगरानी और खुफिया जानकारी एकत्र करने में लाभदायक साबित हो सकता है।

SCT से जुड़ी कुछ चिंताओं पर एक नज़रः

• अंतरिक्ष मलबा और पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों का जमावड़ा;

• अंतर्राष्ट्रीय समन्वय और दायित्व जैसे मुद्दों के कारण विनियामक एवं गवर्नेस संबंधी चुनौतियां;

• जैमिंग, स्पूफिंग आदि जैसे साइबर खतरे इत्यादि।

भारत में उपग्रह आधारित संचार प्रौद्योगिकी:

• दूरसंचार अधिनियम, 2023 के अनुसार, उपग्रह आधारित संचार कंपनियां पॉइंट-टू- पॉइंट संचार हेतु नीलामी प्रक्रिया में भाग लिए बिना स्पेक्ट्रम प्राप्त कर सकती हैं।

• दूरसंचार विभाग (DOT) सैटेलाइट टेलीफोनी के लिए ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशंस बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस जारी करता है।

• इससे पहले भारती ग्रुप और रिलायंस ग्रुप को GMPCS लाइसेंस जारी किया जा चुका है।

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