Swedish Firm Saab:
स्वीडन की प्रमुख रक्षा कंपनी साब (Swedish Defence Firm Saab) अगले साल हरियाणा के झज्जर जिले में स्थित,
प्लांट में प्रसिद्ध कार्ल-गुस्ताफ एम4 (Carl-Gustaf M4 Weapon) हथियार प्रणालियों (कंधे से लॉन्च किए जाने वाले हथियार) का उत्पादन शुरू कर देगी।
जो देश के रक्षा क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा।
भारत न सिर्फ स्वदेशी हथियारों का निर्यात कर रहा है, बल्कि रक्षा क्षेत्र में निवेश भी हासिल कर रहा है।
स्वीडिश फर्म एसएएबी(Swedish Defence Firm Saab)भारत में ही कार्ल-गुस्ताफ एम4 हथियार का मैन्युफैक्चर करेगी।
इस प्रोजेक्ट में 100 फीसदी निवेश भी कंपनी को होगा। कंपनी के मुताबिक, कंपनी हरियाणा के झज्जर में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगा रही है।
सोमवार को झज्जर में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का शिलान्यास किया गया।
(Swedish Defence Firm Saab)कार्ल-गुस्ताफ एम-4:
अगले वर्ष से मेक इन इंडिया के तहत कार्ल-गुस्ताफ एम4 (Carl-Gustaf M4 Weapon) का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
कार्ल-गुस्ताफ एम-4 एक अत्याधुनिक रॉकेट लॉन्चर है, जिसके जरिये कई तरह के गोले दागे जा सकते हैं।
दरअसल केंद्र सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में कार्ल-गुस्ताफ एम4 विनिर्माण परियोजना को मंजूरी दी थी।
इसके साथ ही साब 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी पाने वाली भारत की पहले विदेशी रक्षा कंपनी बन गई।
साब ने सोमवार को झज्जर में उत्पादन प्लांट के निर्माण के लिए शिलान्यास समारोह आयोजित किया।
इसके साथ ही कुल 3.6 एकड़ के परिसर में निर्माण शुरू हो गया है।
यह स्वीडन के बाहर कार्ल-गुस्ताफ एम4(Carl-Gustaf M4 Weapon) के लिए साब का पहला विनिर्माण संयंत्र है।
साब ने 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी मिलने के बाद एक नयी कंपनी साब एफएफवीओ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की।
ये कंपनी नए विनिर्माण संयंत्र की मालिक है और कार्ल-गुस्ताफ एम 4 हथियार का उत्पादन करेगी।
साब के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोरगेन जोहानसन ने संवाददाताओं से कहा कि मुझे कार्ल-गुस्ताफ के लिए स्वीडन के बाहर अपने पहले संयंत्र का निर्माण शुरू करने पर गर्व है।
इस उत्पाद का भारतीय सशस्त्र बलों के साथ एक लंबा इतिहास है। जोहानसन ने कहा कि संयंत्र में हथियार प्रणाली का उत्पादन अगले साल से शुरू हो जाएगा।