सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों की पीठ ने आरक्षण लागू करने का निर्देश दिया है। इस आदेश को 2024-25 के लिए SCBA मतदान में भी लागू किया जाएगा।
• महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होने से सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के समय अधिक योग्य महिला उम्मीदवारों का विकल्प उपलब्ध होगा।
उच्चतर न्यायपालिका में महिला न्यायाधीशों की वर्तमान स्थिति(SCBA):
• स्वतंत्रता के बाद से अब तक सुप्रीम कोर्ट में कुल 268 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है। हालांकि, इनमें महिलान्यायाधीशों की संख्या केवल 11 रही है।
• न्यायमूर्ति फातिमा बीबी 1989 में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाली पहली महिला न्यायाधीश थीं।• इंडिया जस्टिस रिपोर्ट, 2022 के अनुसार अधीनस्थ न्यायालयों में 35% महिला न्यायाधीश थीं,
जबकि हाई कोर्ट्स में केवल 13% महिला न्यायाधीश थीं।
• प्रैक्टिस करने वाले वकीलों में से केवल लगभग 15% ही महिलाएं हैं।
न्यायपालिका में महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व के लिए जिम्मेदार कारण(SCBA):
• पितृसत्तात्मक सामाजिक मानदंड, जो महिलाओं को कानूनी पेशे को अपनाने से हतोत्साहित करते हैं,
• नियुक्ति प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की कमी है,
अधीनस्थ न्यायालयों की महिला न्यायाधीशों को उच्चतर न्यायालयों में पदोन्नति में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
न्यायपालिका में महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व देने का महत्त्व(SCBA):
• जेंडर संवेदनशीलताः
इससे घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, भेदभाव जैसे जेंडर-संबंधी मुद्दों की सुनवाई के दौरान अधिक सहानुभूति व संवेदना सुनिश्चित हो पाती है।
पीड़िता भी एक महिला न्यायाधीश के समक्ष अधिक सहज महसूस करती है।
• वैधता और जनता का विश्वासः
न्यायपालिका में जेंडर विविधता न्यायिक संस्थाओं को अधिक प्रतिनिधिमूलक बनाएगी और उन्हें वैधता प्रदान करेगी।
• रोल मॉडल और प्रेरणाः
यह कदम अधिक महिलाओं को कानूनी पेशे में करियर बनाने और न्यायाधीश बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।
भारतीय न्यायपालिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने हेतु की गई पहलें / रिपोर्ट:
• आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, कर्नाटक जैसे राज्यों ने निचली अदालतों में महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान किया है।
• कार्मिक, लोक शिकायत और कानून एवं न्याय पर संसदीय स्थायी समिति ने,
सुप्रीम कोर्ट तथा हाई कोर्ट्स में महिला न्यायाधीशों की पर्याप्त संख्या सुनिश्चित करने हेतु,
मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (MoP) में प्रावधान जोड़ने की सिफारिश की है।