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विशेषज्ञों के अनुसार, सारस क्रेन(Sarus crane) के संरक्षण में कृषि जैव विविधता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

कृषि-जैव विविधता जीवों की विविधता और परिवर्तनशीलता को कहा जाता है।

यह अवधारणा पारिस्थितिक क्षेत्रों के भीतर फसलों की खेती और जानवरों के पालन-पोषण से जुड़ी हुई है।

सारस क्रेन(Sarus crane) के बारे में:

यह दुनिया का सबसे बड़ा उड़ने वाला पक्षी है।

वितरणः यह पक्षी उत्तर भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया और उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है।

पर्यावासः छोटे मौसमी दलदल, बाढ़कृत मैदान, उच्च ऊंचाई पर स्थित आर्द्रभूमियां, मानव द्वारा परिवर्तित तालाब, परती और खेती योग्य भूमि तथा धान के खेत।

व्यवहारः सामाजिक पक्षी (जोड़ों या छोटे समूहों में पाया जाता है) है तथा जीवन भर एकल साथी के साथ रहता है।

इसका प्रजनन काल मानसून में भारी वर्षा के दौरान होता है।

संरक्षण स्थितिः

IUCN रेड लिस्टः वल्नरेबल के रूप में वर्गीकृत।

CITIES: परिशिष्ट-II में सूचीबद्ध ।

वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची-1 में सूचीबद्ध।

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