Thu. Jan 9th, 2025

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने सैंधव लिपि(Indus Valley)  को पढ़ने वाले को 1 मिलियन डॉलर का पुरस्कार देने की घोषणा की
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने सैंधव लिपि(Indus Valley)  को पढ़ने वाले को 1 मिलियन डॉलर का पुरस्कार देने की घोषणा की

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने सिंधु घाटी(Indus Valley) सभ्यता की लिपि को पढ़ने और उसके शब्दों का अर्थ बताने वाले को 1 मिलियन डॉलर का पुरस्कार देने की घोषणा की।

सिंधु घाटी सभ्यता(Indus Valley) की लिपि के बारे में:

Indus Valley
प्रसारः

यह लिपि लगभग 60 उत्खनन स्थलों से प्राप्त हुई है।

वर्तमान में, इस लिपि के लगभग 3500 नमूने पत्थर पर उकेरी गई मुहरों, ढले हुए टेराकोटा और फेयॉन्स से बने ताबीजों, मृदभांडों के टुकड़ों आदि के रूप में बचे हुए हैं।

लेखन शैली:

सैंधव लिपि एक अज्ञात लेखन प्रणाली है। इसमें मिले अभिलेख आमतौर पर बहुत छोटे हैं, जिनमें औसतन पांच प्रतीक अक्षर हैं।

इसे आमतौर पर दाएं से बाएं लिखा गया है। लंबे लेखों में कभी-कभी बौस्ट्रोफेडॉन शैली का प्रयोग किया गया है।

बौस्ट्रोफेडॉन शैली में पहली पंक्ति दाएं से बाएं और अगली पंक्ति बाएं से दाएं लिखी जाती है।

लिपि की संरचनाः
Indus Valley

इसमें आंशिक रूप से चित्त्रात्मक प्रतीक अक्षरों का उपयोग किया जाता था।

इसमें मानव और पशु रूपांकन, विशिष्ट ‘यूनिकॉर्न’ प्रतीक, ” नियंत्रित यथार्थवाद” दिखाने वाले कलात्मक डिजाइन आदि शामिल हैं।

लेखन माध्यम और विधियांः

इसमें मुहरों, पट्टियों और तांबे की पट्टियों का उपयोग किया जाता था। इसके अलावा सामग्रियों में टेराकोटा, चीनी मिट्टी की वस्तुएं, शंख, हड्डी, हाथी दांत, पत्थर, धातु व कपड़े और लकड़ी जैसी समय के साथ क्षय होने वाली सामग्री शामिल थीं।

लिपि को नक्काशी, उत्कीर्णन, छिलाई, जड़ाई, चित्रकारी, ढलाई और उभार के माध्यम से लिखा जाता था।

सैंधव लिपि को समझने का महत्त्व:

ऐतिहासिकः

इससे सिंधु घाटी सभ्यता और बाद की वैदिक प्रथाओं के बीच संबंध तथा अन्य समकालीन सभ्यताओं के साथ उनके संबंधों को उजागर किया जा सकता है।

भाषाई और नृजातीय संबंधः

इससे सैंधव भाषाओं और द्रविड़ व इंडो-यूरोपीय परिवारों की समकालीन भाषाओं के बीच संबंध स्थापित करने में मदद मिल सकती है।

सिंधु घाटी सभ्यता(Indus Valley) के बारे में:

Indus Valley
अवधिः

प्रारंभिक हड़प्पा काल (3500-2600 ईसा पूर्व), परिपक्व हड़प्पा काल (2600-1900 ईसा पूर्व), और उत्तर हड़प्पा काल (1900-1300 ईसा पूर्व)।

खोज:

1924 में जॉन मार्शल द्वारा।

प्रमुख स्थलः

हड़प्पा, लोथल, धोलावीरा, राखीगढ़ी, कालीबंगा, आदि

https://newsworldeee.com/indus-waters-treaty/india-world-news/

http://Hairstyles

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जानिए खुरपका और मुंहपका रोग (Foot and Mouth disease/FMD) के बारे में, कैसे बचाए अपने पशुओं को?
जानिए खुरपका और मुंहपका रोग (Foot and Mouth disease/FMD) के बारे में, कैसे बचाए अपने पशुओं को?

हाल ही में, केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने 2030 तक Foot and Mouth disease/FMD-मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में उठाए गए उपायों की समीक्षा की।

खुरपका और मुंहपका रोग(Foot and Mouth disease/FMD) के बारे में:

यह गाय, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर जैसे दो खुर वाले पशुओं का एक अत्यधिक संक्रामक वायरल वैस्कुलर रोग है।

घोड़ों, कुत्तों या बिल्लियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

यह रोग पिकोर्नवीरिडे परिवार के एफ़्थोवायरस के कारण होता है।

Foot and Mouth disease/FMD

लक्षणों का दिखना:

बुखार और जीभ व होठों पर, मुंह में और उसके आसपास, स्तन ग्रंथियों पर तथा खुरों के आसपास छाले ।

Foot and Mouth disease/FMD

संक्रमण का फैलना:

संक्रमित जानवरों के साथ सीधा संपर्क से,

दूषित चारा, पानी और उपकरण से,

मनुष्य, संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से भी वायरस फैला सकते हैं।

रोकथाम के उपाय:

टीकाकरण,

जैव सुरक्षा उपाय (जैसे, संगरोध, कीटाणुशोधन),

पशुओं की आवाजाही पर नियंत्रण,

शवों और दूषित सामग्रियों का उचित निपटान।

उपचार कैसे करें:

सहायक देखभाल (जैसे, आराम, जलयोजन, दर्द प्रबंधन)

द्वितीयक संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जा सकता है

गंभीर मामलों में, मानवीय इच्छामृत्यु आवश्यक हो सकती है

FMD बीमारी के क्या प्रभाव है:

दूध उत्पादन में कमी, ग्रोथ में कमी, बांझपन, पशु उत्पादों पर व्यापार प्रतिबंध आदि के कारण महत्वपूर्ण आर्थिक नुकसान,

व्यापक प्रकोप की संभावना यदि तुरंत नियंत्रित नहीं किया गया।

उठाए गए कदमः

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रमः

यह कार्यक्रम FMD और ब्रुसेलोसिस के उन्मूलन के लिए चलाया जा रहा है।

यदि आपको अपने पशुओं में एफएमडी का संदेह है, तो तुरंत अपने स्थानीय पशु स्वास्थ्य प्राधिकरण से संपर्क करें।

https://newsworldeee.com/leprosy/education/

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