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कृषि सखियां(Krishi Sakhi) अनुभवी महिला कृषक और जमीनी स्तर पर कृषि में प्रशिक्षित पैरा एक्सटेंशन पेशेवर हैं।कृषि सखी प्रमाण-पत्र कृषि सखी कन्वर्जेंस प्रोग्राम (KSCP) के तहत प्रदान किए गए हैं।

कृषि सखी(Krishi Sakhi) कन्वर्जेस प्रोग्राम (KSCP) के बारे में:

(Krishi Sakhi)

यह केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय तथा केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत एक पहल है।

इसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं के कौशल को बढ़ाना है।

यह प्रमाण-पत्र कोर्स “लखपति दीदी” कार्यक्रम के उद्देश्यों के अनुरूप है।

लखपति दीदी कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण करना और उनकी वित्तीय स्वायत्तता को बढ़ावा देना है।

भारत में कृषि क्षेत्र(Krishi Sakhi) में महिला कार्यबल:

स्थितिः नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार कृषि क्षेत्रक से लगभग 80% ग्रामीण महिलाएं जुड़ी हुई हैं।

कृषि भू-स्वामित्वः 2010-11 में 12.78 प्रतिशत सक्रिय कृषि भू-स्वामित्व महिलाओं के पास था। 2015-16 में यह आंकड़ा बढ़कर 13.78 प्रतिशत हो गया था।

सक्रिय कृषि भू-स्वामित्व (Operational holdings) से तात्पर्य उस भूमि से है,

जिसमें पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से खेती की जाती है।

कृषि क्षेत्रक में महिला कार्यबल का महत्त्वः

ग्रामीण महिलाएं देश के 60-80% खाद्यान्न उत्पादन में योगदान करती हैं।

कृषि क्षेत्रक में कार्य करने वाले पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का अनुपात बढ़ा है।

उन्होंने प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में अधिक योगदान दिया है।

कृषि में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी लैंगिक असमानता को कम करने में मदद कर सकती है।

मुख्य चुनौतियांः

महिला कृषकों को बैंकों से आसानी से ऋण नहीं मिल पाता है। साथ ही,

उन्हें अपने कृषि उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में भी मुश्किल होती है।

कई ग्रामीण समाजों में महिलाओं को विरासत की जमीन का स्वामित्व नहीं मिल पाता है।

महिलाओं को कृषि क्षेत्रक से अत्याधुनिक जानकारी भी उपलब्ध नहीं हो पाती है आदि।

महिला कृषकों की मदद के लिए सरकारी योजनाएं:

महिला किसान सशक्तीकरण परियोजनाः

इसका उद्देश्य कृषि में महिलाओं की भागीदारी और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए व्यवस्थित निवेश करके महिला किसानों को सशक्त बनाना है।

नमो ड्रोन दीदीः

इसके तहत चयनित महिला सदस्य वाले स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को ड्रोन संचालन में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

ऐसी महिलाएं किसानों को किराए पर ड्रोन आधारित सेवाएं उपलब्ध करा सकेंगी।

प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान):

इस योजना के तहत महिला किसानों सहित भूमि धारक किसान परिवारों को प्रतिवर्ष 6000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

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