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इस(Jagannath Temple) कक्ष को रत्न भंडार इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसमें कई तरह की बहुमूल्य वस्तुएं, आभूषण, रत्न आदि भंडारित हैं।

46 साल बाद रत्न भंडार को खोलने का उद्देश्य आभूषणों व बहुमूल्य वस्तुओं की सूची बनाना और रत्न भंडार की मरम्मत कराना है।

इसके लिए ओडिशा सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश बिश्वनाथ रथ के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।

समिति के सदस्यों की उपस्थिति में ही रत्न भंडार खोला गया।

रत्न भंडार के बारे में:

रत्न भंडार मंदिर के जगमोहन के उत्तरी छोर पर स्थित होता है। जगमोहन, मंदिर का सभा कक्ष है।

इसके दो भाग है- पहला, बाहर भंडार (बाहरी कक्ष) और दूसरा, भीतर भंडार (आंतरिक कक्ष) है।

इन कक्षों में तीन सहोदर देवताओं (भगवान बलभद्र, भगवान जगन्नाथ और देवी सुभद्रा) के आभूषण हैं।

Jagannath Temple

श्री जगन्नाथ मंदिर (व्हाइट पैगोडा/Jagannath Temple), पुरी, ओडिशा के बारे मे:

यह मंदिर भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन देवी सुभद्रा और बड़े भाई भगवान बलभद्र (पवित्र त्रिमूर्ति ) को समर्पित है।

भगवान जगन्नाथ विष्णु के अवतार माने जाते हैं।

भगवान जगन्नाथ, भगवान कृष्ण के एक रूप को कहा जाता है।

माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में पूर्वी गंग वंश के प्रथम शासक राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव ने करवाया था।

श्री जगन्नाथ मंदिर(Jagannath Temple) की स्थापत्य शैली के बारे में:

Jagannath Temple

स्थापत्य शैलीः यह मंदिर स्थापत्य की कलिंग शैली में निर्मित है। कलिंग शैली को नागर शैली की एक उप-शैली के रूप में जाना जाता है।

मंदिर के मुख्यतः

चार भाग हैं-

विमान या देउल (गर्भगृह):

मंदिर का विमान नागर शैली में निर्मित रेखा देउल में बना है। विमान को शिखर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक वक्राकार मीनार के समान है। 

जगमोहनः

यह पीढा देउल के रूप में है। इसमें शिखर पिरामिडनुमा हैं।

नटमंडपः

यह दर्शकों के लिए या नृत्य कक्ष है।

भोग मंडपः

यह विशिष्ट अनुष्ठानों के लिए और प्रसाद अर्पण सभाकक्ष है।

मुख्य मंदिर की बाहरी दीवार के दोनों तरफ भगवान् विष्णु की आकृतियां उत्कीर्ण की गई हैं।

दोनों ओर भगवान् विष्णु की चार-चार आकृतियां उत्कीर्ण हैं।

इस प्रकार कुल मिलाकर ये भगवान विष्णु के 24 रूपों यथा- केशव, माधव, दामोदर, नारायण आदि को दर्शाती हैं। 

अन्य संबंधित सुर्खियां:

श्री जगन्नाथ मंदिर के ‘छप्पन भोग’ प्रसाद में से एक, मगाजी लाडू को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग मिला है।

मगाजी लाडू ओडिशा के ढेंकनाल जिले की प्रसिद्ध पारंपरिक मिठाई है।

https://newsworldeee.com/virupaksha-temple/india-world-news/

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