• इजरायल पर ईरान के हमले(Iran and Israel war) और उसके बाद इजरायल की जवाबी कार्रवाई ने मध्य-पूर्व तथा उससे परे क्षेत्रों में तनाव पैदा कर दिया है।
• इससे पहले, ईरान समर्थित फिलिस्तीनी समूह हमास ने 2023 में इजरायल पर एक समन्वित और बड़ा हमला किया था।
मध्य-पूर्व क्षेत्र में अस्थिरता / संघर्ष से संबंधित चिंताएं(Iran and Israel war):
वैश्विक व्यापार पर प्रभाव(Iran and Israel war):
• होर्मुज जल-संधि और लाल सागर में पोत परिवहन बाधित होता है।
• हाल ही में, ईरान ने होर्मुज जल-संधि के पास विश्व के सबसे महत्वपूर्ण ऑइल चोकपॉइंट पर इजरायल से संबंधित जहाज को जब्त कर लिया था।
• ईरान द्वारा समर्थित हूती समूह ने लाल सागर में एक व्यावसायिक जहाज का अपहरण कर लिया था।
वैश्विक व्यापार का लगभग 12% स्वेज नहर से गुजरता है। गौरतलब है कि स्वेज नहर लाल सागर को भूमध्य सागर से जोड़ती है।
• तेल और अन्य वस्तुओं की कीमतों में अस्थिरता बढ़ सकती है, क्योंकि ईरान ओपेक / OPEC (पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन) के अंतर्गत कच्चे तेल का एक प्रमुख उत्पादक है।
इससे ऊर्जा सुरक्षा प्रभावित होगी।
• उल्लेखनीय है कि इजरायल परमाणु हथियार संपन्न देश है, इसलिए संघर्ष में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हो सकता है।
• मध्य-पूर्व में अस्थिरता जारी रहने से ग्लोबल साउथ और वैश्विक गवर्नेस भी प्रभावित होंगे।
भारत पर प्रभाव:
• बड़े पैमाने पर प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा प्रभावित होगी,
• कच्चे तेल की आपूर्ति बाधित होगी,
• समुद्री डकैती और बंधक बनाने का खतरा बढ़ जाएगा।