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सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा (IPC-498A) के दुरुपयोग का हवाला देते हुए संसद से भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की संबंधित धारा में आवश्यक संशोधन करने की सिफारिश की है।

कोर्ट ने यह भी पाया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 498A को BNS की धारा 85 और 86 में शब्दशः रखा गया है।

भारतीय न्याय संहिता 01 जुलाई, 2024 से लागू होगी।

IPC-498A के बारे में:

IPC-498A

इस धारा को 1983 में लागू किया गया था। इसे भारत में विवाहित महिलाओं को उनके पति या उनके रिश्तेदारों के द्वारा की जाने वाली घरेलू हिंसा और उत्पीड़न से बचाने के लिए लाया गया था।

सजा के तौर पर इसमें 3 साल तक की जेल की सजा या जुर्माना शामिल है।

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