ग्रे स्लेंडर लोरिस(Grey slender loris):
ग्रे स्लेंडर लोरिस(Grey slender loris) को उत्तरी गोवा में बचाया गया है।
ग्रे स्लेंडर लोरिस (लोरिस लिडेकेकेरियनस) के बारे में:
• भौगोलिक सीमाः यह भारत और श्रीलंका में पाया जाता है।
• पर्यावासः उष्णकटिबंधीय वर्षावन, झाड़ीदार वन, अर्थ-सदाबहार वन, दलदली क्षेल आदि।
विशेषताएं(Grey slender loris):
यह एक निशाचर प्राइमेट है।यह दुबला-पतला जीव है।
इसके लंबे और पतले पैर, बड़े कान, नुकीली थूथन तथा आंखें काली या गहरे भूरे रंग की होती हैं।
• यह धीमी गति से विचरण करते हुए भोजन की तलाश करता है।
यह भोजन के लिए बड़ी कीड़ों की कॉलोनियों के पास रहता है।
• यह विविपेरस (Viviparous) जीव है, यानी यह अंडे देने की बजाय मनुष्यों की तरह बच्चों को जन्म देने वाला जीव है।
• खतराः पर्यावास का नुकसान, बिजली की तारों से करंट लगना आदि।
संरक्षण की स्थिति:
• IUCN: नियर थ्रेटेन्ड।
अन्य जानकारी:
ग्रे स्लेंडर लोरिस(Grey slender loris), जिन्हें ग्रे लोरिस या ग्रे स्लेंडर लोरिस भी कहा जाता है, एक ध्यान रखने योग्य और लोकप्रिय जानवर हैं।
ये छोटे प्राणी अधिकांशत: दक्षिण-पूर्वी एशिया में पाए जाते हैं, जैसे कि इंडोनेशिया, सिंगापुर, मलेशिया और थाईलैंड में।
ग्रे स्लेंडर लोरिस(Grey slender loris) छोटे आकार के होते हैं, औसतन 8-10 इंच लंबा होते हैं और उनका वजन 90-200 ग्राम तक होता है।
इनके शरीर का रंग मुख्य रूप से ग्रे होता है और उनके ऊपर छोटे-छोटे बैंड पड़ते हैं।
इनके आंखें बड़ी होती हैं और इनके पास लंबे हाथ होते हैं जिनमें उनके सामान्यत: तीखे कंबल रहते हैं,
जिनकी मदद से इन्हे अच्छे से वृक्षों पर चढ़ाई की जा सकती है।
ये जानवर कई लोगों के द्वारा पाले जाते हैं, लेकिन इनकी रख-रखाव में खास देखभाल की जाती है
क्योंकि इनकी पोषण, आवास, और अन्य आवश्यकताओं को सुरक्षित रखनी जरूरी होती है।
यदि आप किसी ग्रे स्लेंडर लोरिस की देखभाल के बारे में जानकारी चाहते हैं तो ऐसे करीबी जानवरों के वेटरनरियन या वन्यजीव विशेषज्ञ से संपर्क करें।