नरसंहार सम्मेलन(Genocide Convention)
सुर्खियों में क्यों:
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने इजरायल के खिलाफ दर्ज नरसंहार मामले में अंतरिम फैसला सुनाया है। उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका ने ICJ में इजरायल पर नरसंहार सम्मेलन(Genocide Convention) का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।
अन्य संबंधित शर्तें:
ICJ में दक्षिण अफ्रीका बनाम इजरायल मामला: दक्षिण अफ्रीका ने तर्क दिया था कि जिस तरह से इजरायल गाजा में अपने सैन्य अभियान चला रहा था, वह नरसंहार सम्मेलन(Genocide Convention) का उल्लंघन था।
ICJ द्वारा उठाए गए अस्थायी उपाय: ICJ ने फैसला सुनाया है कि इजरायल को गाजा (फिलिस्तीन) में नरसंहार की घटनाओं को रोकने के लिए सभी उपाय करने चाहिए। हालांकि, इसने अभी तक युद्धविराम का आदेश नहीं दिया है और न ही इजरायल को दोषी ठहराया है।
नरसंहार सम्मेलन(Genocide Convention) के बारे में:
इसे आधिकारिक तौर पर “नरसंहार के अपराध की रोकथाम और सजा पर सम्मेलन, 1948” के रूप में जाना जाता है।
इसमें पहली बार नरसंहार के अपराध को संहिताबद्ध किया गया। यह संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाई गई पहली मानवाधिकार संधि भी है।
नरसंहार की परिभाषा: नरसंहार के अपराध को नरसंहार सम्मेलन(Genocide Convention) के अनुच्छेद 2 में परिभाषित किया गया है।
इस अनुच्छेद में नरसंहार को किसी राष्ट्रीय, जातीय, नस्लीय या धार्मिक समूह को पूरी तरह या आंशिक रूप से नष्ट करने के उद्देश्य से किए गए किसी भी कार्य के रूप में परिभाषित किया गया है।
नरसंहार सम्मेलन के अनुसार एक अपराध है, जो युद्ध के समय और शांति के समय दोनों में किया जा सकता है।
सदस्यता: नरसंहार सम्मेलन(Genocide Convention) को 153 देशों द्वारा अनुमोदित किया गया है। भारत ने 1949 में इस संधि पर हस्ताक्षर किए और 1959 में इसकी पुष्टि की।
इस सम्मेलन पर हस्ताक्षर करने वाले राज्यों की जिम्मेदारियाँ: राज्यों का दायित्व है कि वे नरसंहार न करें और नरसंहार के अपराध को रोकें और जुड़े हुए समूहों को दंडित करने के लिए उपाय करें। इसमें नरसंहार से संबंधित कानून बनाना और अपराधियों को दंडित करना शामिल है।
हालाँकि, भारत ने इस विषय पर कोई कानून नहीं बनाया है।
अधिकार क्षेत्र: अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) कन्वेंशन की व्याख्या और प्रवर्तन से संबंधित मामलों की सुनवाई करता है।
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी: कन्वेंशन में निर्धारित नरसंहार के अपराध की परिभाषा को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर व्यापक रूप से अपनाया गया है। इसके अतिरिक्त, नरसंहार की एक समान परिभाषा अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के रोम क़ानून के अनुच्छेद 6 में पाई जाती है।
क्या आप जानते हैं:
>”नरसंहार” शब्द का पहली बार इस्तेमाल पोलिश वकील राफेल लेमकिन ने 1944 में किया था।
>इस शब्द का इस्तेमाल होलोकॉस्ट के दौरान नाजी सैनिकों द्वारा यहूदी लोगों के क्रमिक नरसंहार को अभिव्यक्त करने के लिए किया गया था।
>”नरसंहार” को पहली बार 1946 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अपराध के रूप में वर्गीकृत किया गया था।