लिंग आधारित हिंसा(Gender based violence)
लिंग आधारित हिंसा(Gender based violence) से निपटने में पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) की भूमिका पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्यशाला के दौरान “लिंग आधारित हिंसा से मुक्त पंचायतों पर निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए एक पुस्तिका” जारी की गई।
लिंग आधारित हिंसा से निपटने में PRIs की भूमिका:
लिंग आधारित नियोजन सुनिश्चित करते हुए ग्राम पंचायत विकास योजना में महिलाओं से संबंधित मुद्दों/समस्याओं को शामिल करना।
कमजोर/हाशिये पर पड़े लोगों के लिए कानूनी साक्षरता, परामर्श सेवाओं आदि को बढ़ावा देना।
निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला सभा का आयोजन करना।
महिलाओं के लिए कौशल विकास और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देना।
निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के लिए नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम।
सुरक्षा ऑडिट के माध्यम से महिलाएं और लड़कियों के लिए सुरक्षित स्थान बनाना।
लिंग आधारित हिंसा(Gender based violence) से निपटने में नागरिक समाज/एसएचजी के साथ एकीकरण को मजबूत करना।
ग्रामीण भारत में लिंग आधारित हिंसा(Gender based violence) को रोकना:
बाल विवाह, मानव तस्करी, घरेलू हिंसा जैसी गंभीर समस्याएं ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक प्रचलित हैं।
भारत ने कई अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के तहत लिंग आधारित हिंसा को रोकने के लिए प्रतिबद्धता जताई है, जैसे:महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर कन्वेंशन और बाल अधिकारों पर कन्वेंशन।
सतत विकास लक्ष्य-5 (एसडीजी-5) को बढ़ावा देना: लिंग आधारित हिंसा को संबोधित करने के लिए लिंग आधारित योजना लैंगिक समानता को बढ़ावा देगी।
सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण के विषय 9 का उद्देश्य “महिला अनुकूल गांवों” के विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। इसमें महिलाओं की सुरक्षा, उनका आर्थिक और समावेशी विकास आदि सुनिश्चित करना भी शामिल है।