हाल ही में एक म्यूचुअल फंड प्रबंधक पर फ्रंट-रनिंग(Front Running) में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।
फ्रंट रनिंग(Front Running.) के बारे में:
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के अनुसार फ्रंट रनिंग के तहत किसी सूचीबद्ध कंपनी के किसी बड़े आर्डर के बारे में जानकारी सार्वजनिक होने से पहले ही उस ऑर्डर का पता करके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शेयर्स खरीदना या बेचना अथवा ऑप्शंस या फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स में पोजीशन लेना शामिल है।
इस तरह इस गतिविधि में शामिल व्यक्ति जानकारी के सार्वजनिक होने से पहले ही अधिक लाभ कमा लेता है।
भारत में फ्रंट रनिंग गैर-कानूनी है।
यह वित्तीय बाजारों में विश्वास को कमजोर करती है। इसके अलावा, यह अन्य निवेशकों के साथ विश्वासघात है,
क्योंकि जानकारी सार्वजनिक होने तक उसका फायदा उठा लिया गया होता है।
2022 में, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (म्यूचुअल फंड) विनियम, 1996 में संशोधन किया गया था।
इसके जरिए फ्रंट रनिंग पर रोक लगाने वाले प्रावधान किए गए थे।
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