हाल ही में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स(FATF) की पूर्ण बैठक आयोजित की गई थी
इस बैठक में संयुक्त अरब अमीरात को बढ़ी हुई निगरानी के तहत क्षेत्राधिकार यानी कि ग्रे लिस्ट से हटा दिया गया है।
इसके अतिरिक्त जिब्राल्टर और बारबाडोस और युगांडा को भी एफ ए टी एफ की ग्रह सूची से हटा दिया गया है।
इस बैठक में केन्या और नामीबिया ग्रे लिस्ट में शामिल किए गए हैं।
FATF की ब्लैक और ग्रे लिस्ट्स:
FATF मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी के वित्त पोषण तंत्र से निपटने के लिए कमजोर उपाय करने वाले देशों को सूचीबद्ध करता है यह उन्हें सार्वजनिक रूप से निम्नलिखित दो दस्तावेजों में सूचीबद्ध करता है:
ब्लैक लिस्ट:
यह उन देशों की सूची है जिन्हें FATF धन शोधन, आतंकवाद के वित्त पोषण,
और सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार वित्त पोषण से निपटने के वैश्विक प्रयास में सहयोग नहीं करने वाला मानता हैं।
ग्रे लिस्ट:
यह उन देशों की सूची है जो धन शोधन, आतंकवाद के वित्त पोषण और सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार के,
वित्त पोषण को रोकने के लिए अपनी शासन व्यवस्था में रणनीतिक कमियों को दूर करने में विफल रहते हैं।
वर्तमान में FATF की ब्लैक लिस्ट में केवल तीन देश शामिल है,
डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक आफ कोरिया, ईरान और म्यांमार।
भारत के लिए UAE को ग्रे लिस्ट(FATF) से हटाने का महत्व:
इससे भारतीय गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों(NBFCs)में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
UAE मैं कार्यरत वित्तीय संस्थानों और व्यक्तियों के लिए अनुपालन लागत वह वित्त पोषण लागत में कमी आएगी।
FATF के बारे में:
यह एक अंतर सरकारी निकाय है जिसकी स्थापना ग्रुप ऑफ सेवन(G7) द्वारा की गई थी
इस मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए 1989 में स्थापित किया गया था।
2001 में इसे आतंकवाद के वित्त पोषण से निपटने का काम भी सौंप दिया गया था।
2019 से FATF को एक ओपन एंडेड मैंडेट प्राप्त हुआ था।
कुल 37 सदस्य देश हैं और दो क्षेत्रीय संगठन (खाड़ी सहयोग परिषद और यूरोपीय आयोग)।
नोट: भारत इसमें 2010 में 34वें सदस्य के रूप में शामिल हुआ था
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