ग्लोबल एनवायरनमेंट फैसिलिटी (GEF) द्वारा फाइनेंसिंग एग्रो-केमिकल रिडक्शन एंड मैनेजमेंट (FARM) कार्यक्रम शुरू किया गया।
FARM कार्यक्रम की मुख्य विशेषताओं पर एक नज़र:
•FARM के बारे में: यह 379 मिलियन डॉलर के वित्त पोषण वाली एक पहल है। यह वैश्विक स्तर पर अपनी तरह का पहला समन्वित प्रयास है।
इस कार्यक्रम के तहत निम्नलिखित के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे:
खाद्य उत्पादन में हानिकारक इनपुट के उपयोग पर रोक लगाना;
कम या बिना रासायनिक इनपुट वाले विकल्पों को अपनाने को बढ़ावा देना आदि।
यह कार्यक्रम निम्नलिखित का समर्थन करेगा:
• कृषि रसायनों और कृषि प्लास्टिक के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए सरकारी नियमों और बेहतर प्रबंधन मानकों को अपनाना, जिसमें लगातार कार्बनिक प्रदूषक (पीओपी) होते हैं।
प्रभावी कीट नियंत्रण; उत्पादन विकल्पों तक पहुँच में सुधार करने और संधारणीय उत्पादों में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए बैंकिंग, बीमा और निवेश मानदंडों को मजबूत करना।
• FARM सदस्य: भारत, इक्वाडोर, केन्या, लाओ पीडीआर, फिलीपींस, उरुग्वे और वियतनाम।
• कार्यान्वयन एजेंसियाँ: इस कार्यक्रम का नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) द्वारा किया जाता है।
वहीं इसे एशियाई विकास बैंक (एडीबी), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूएनआईडीओ) द्वारा लागू किया जाएगा।
• कृषि और खाद्य संगठन (एफएओ) देशों में इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
• कार्यक्रम की अवधि: 5 वर्ष।
FARM कार्यक्रम का महत्व:
• हर साल लगभग 4 बिलियन टन कीटनाशक और 12 बिलियन किलोग्राम एग्रो प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है। इसका स्वास्थ्य और पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। यह कार्यक्रम इस समस्या से निपटने में मददगार होगा।
• अत्यधिक खतरनाक कीटनाशकों के उपयोग और एग्रो प्लास्टिक के कुप्रबंधन के कारण जहरीले पीओपी पर्यावरण में प्रवेश करते हैं।
• पीओपी ऐसे रसायन होते हैं जो पर्यावरण में विघटित नहीं होते और हवा, पानी और भोजन को दूषित करते हैं।
• वर्तमान में, किसानों को बेहतर विकल्प अपनाने के लिए बहुत कम प्रोत्साहन दिया जाता है। इस वजह से, किसान ऐसे विकल्पों को अपनाते हैं जो टिकाऊ विकल्पों की तुलना में सस्ते होते हैं।
वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF):
Head Quarter: वाशिंगटन, डी.सी. (संयुक्त राज्य अमेरिका)
> उत्पत्ति: इसकी स्थापना 1992 के रियो अर्थ समिट के दौरान की गई थी।
> जीईएफ के बारे में: जीईएफ 18 एजेंसियों की एक अनूठी साझेदारी है। इसमें संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां, बहुपक्षीय विकास बैंक, राष्ट्रीय संस्थान और अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन शामिल हैं। ये सभी सदस्य देशों के साथ मिलकर दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने के लिए काम कर रहे हैं।
भूमिका: यह सुविधा निम्नलिखित पाँच अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलनों के लिए वित्तीय तंत्र के रूप में कार्य करती है:
> पारा पर मिनामाता सम्मेलन,
> स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों (पीओपी) पर स्टॉकहोम सम्मेलन,
> जैविक विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीबीडी),
> मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीसीडी) और
> जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र रूपरेखा सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी)।
जीईएफ ट्रस्टी: विश्व बैंक।
सदस्य देश: भारत सहित दुनिया भर के 186 देश।