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औषधि और चमत्कारिक उपचार (आक्षेपणीय विज्ञापन) अधिनियम, (DMRA/Drugs and Magic Remedies Advertisements) Act), 1954 (Objectionable

DMRA

सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को औषधि और चमत्कारिक उपचार (आक्षेपणीय विज्ञापन) अधिनियम (DMRA), 1954 में निर्धारित बीमारियों/ विकारों को दूर करने का दावा करने वाले अपने उत्पादों का विज्ञापन या ब्रांडिंग करने से प्रतिबंधित कर दिया है.

DMRA अधिनियम के बारे में:

इसका उद्देश्य कुछ मामलों में दवाओं के विज्ञापन को नियंत्रित करना और,

चमत्कारिक गुणों वाले कथित उपचारों के विज्ञापन पर रोक लगाना है।

इसके अंतर्गत, “चमत्कारिक उपचार” में एक ताबीज, मंत्र, कवच और अन्य जादू- टोना शामिल है।

इसमें उपचार करने या शारीरिक कार्यों को प्रभावित करने के लिए चमत्कारी शक्तियां होने का दावा किया जाता है।

जुर्माना: पहली बार दोषी पाए जाने पर 6 महीने तक की कैद और/या जुर्माना। दोबारा दोषी पाए जाने पर एक वर्ष तक की कैद ।

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