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केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय  ने बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन (Battery Waste Management rule) नियम, 2024 अधिसूचित किए हैं।

• पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एमओईएफसीसी ने नियमों में संशोधन किया है।

• नए नियमों ने बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन नियम(Battery Waste Management rule), 2022 में संशोधन किया है।

नए संशोधनों पर एक नजर:

• केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) प्रमाणपत्रों के लिए अधिकतम और न्यूनतम मूल्य तय करेगा।

ये मूल्य ईपीआर का अनुपालन न करने पर बाध्य संस्थाओं पर लगाए जाने वाले पर्यावरणीय मुआवजे के क्रमशः 100% और 30% के बराबर होंगे।

ईपीआर का मतलब है कि निर्माता किसी उत्पाद के उपयोगी जीवन के अंत तक उसके पर्यावरण की दृष्टि से उचित प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होगा।

• पंजीकृत संस्थाओं के बीच ईपीआर प्रमाणपत्रों का लेनदेन मूल्य उच्चतम और निम्नतम मूल्यों के बीच होगा। यह कार्य एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।

 • सीपीसीबी दिशा-निर्देश तैयार करने और नियमों का पालन न करने की स्थिति में पर्यावरण क्षतिपूर्ति निर्धारित करने और उसे अलग करने के लिए सिफारिशें करने के लिए जिम्मेदार होगा।

बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन(Battery Waste Management rule) के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:

• पुनर्चक्रण के माध्यम से परिपत्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना। साथ ही, अपशिष्ट बैटरियों का पर्यावरण के अनुकूल प्रबंधन सुनिश्चित करना।

• अपशिष्ट बैटरियों को इकट्ठा करने और पुनर्चक्रण/नवीनीकरण में नए उद्योगों और उद्यमिता को बढ़ावा देना।

• ईपीआर के माध्यम से “प्रदूषक भुगतान करता है” सिद्धांत को लागू करना।

• बैटरी निर्माण में नए कच्चे माल के उपयोग पर निर्भरता को कम करना और प्राकृतिक संसाधनों को बचाना।

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