सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि यदि कोई व्यक्ति संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (a) और अनुच्छेद 25 के तहत दिए गए मौलिक अधिकारों का दुरुपयोग करता है, तो उसे बाद में अनुच्छेद 32(article 32) के तहत दिए गए अधिकारों के तहत संरक्षित नहीं किया जाएगा।
अनुच्छेद 19 (1) (a) वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है।
अनुच्छेद 25 सभी व्यक्तियों को स्वतंत्र विवेक और स्वतंत्र रूप से धर्म को मानने,
आचरण करने और प्रचार करने का समान अधिकार देता है।
अनुच्छेद-32(Article-32):
संविधान का अनुच्छेद 32(article 32) मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए,
सर्वोच्च न्यायालय को व्यापक मूल अधिकार क्षेत्र देता है।
इसके अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय को निर्देश, आदेश या रिट जारी करने की शक्ति प्राप्त है।
अदालत इस संबंध में बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, निषेध, उत्प्रेषण और अधिकार पृच्छा की रिट जारी कर सकती है।