इसरो ने पुष्पक रीयूजेबल लैंडिंग व्हीकल (RLV) LEX 02 का लैंडिंग परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया।
• RLV-LEX 02, RLV-TD कार्यक्रम के तहत इसरो द्वारा किए जाने वाले प्रयोगों की श्रृंखला में दूसरा है। RLV-TD का अर्थ है “पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी प्रदर्शन।(Reusable Launch Vehicle Technology Demonstration)
• RLV-LEX 02 का यह परीक्षण अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लौटने वाले प्रक्षेपण यान की उच्च गति वाली स्वायत्त लैंडिंग के लिए स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियों का पुन: उपयोग करता है।
• इस परीक्षण में RLV-LEX-01 में उपयोग किए गए पंख वाले शरीर और सभी उड़ान प्रणालियों का पुन: उपयोग किया गया।
इससे पहले 2023 में, RLV-LEX-01 मिशन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
• RLV-TD कार्यक्रम का उद्देश्य पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों को विकसित करना है। इससे कम लागत पर उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करना संभव हो जाएगा।
• RLV वास्तव में ‘लो-लिफ्ट टू ड्रैग’ अनुपात वाला एक अंतरिक्ष यान है। यह पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करता है और वापस पृथ्वी पर लौटता है। इस वजह से इस वाहन का इस्तेमाल भविष्य में भी किया जा सकता है।
• इस वाहन को भारत के पुन: प्रयोज्य टू-स्टेज-टू-ऑर्बिट (TSTO) लॉन्च वाहन के पहले चरण के रूप में अपग्रेड और विकसित किया जाएगा।
• नासा लंबे समय से RLV का इस्तेमाल कर रहा है। यहां तक कि स्पेस-एक्स जैसी निजी अंतरिक्ष एजेंसियां भी आंशिक रूप से पुन: प्रयोज्य लॉन्च सिस्टम का प्रदर्शन कर रही हैं।
• लाभ: RLV को अंतरिक्ष तक पहुंचने का एक किफायती, विश्वसनीय और ऑन-डिमांड साधन माना जाता है।
प्रमुख चुनौतियां(RLV-LEX 02):
• विशेष मिश्र धातु, कंपोजिट और इन्सुलेशन जैसी सामग्रियों का चयन चुनौतीपूर्ण है।
• इसके अलग-अलग हिस्सों को तैयार करना बहुत जटिल है।
• इस प्रणाली के लिए अत्यधिक कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता होती है।