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एक अध्ययन के अनुसार जिब्राल्टर सबडक्शन(gibraltar subduction) ज़ोन अटलांटिक महासागर की ओर बढ़ रहा है

• सबडक्शन ज़ोन (SZs) या बेनिओफ़ ज़ोन अभिसारी प्लेट सीमाओं के क्षेत्र हैं जहाँ एक टेक्टोनिक प्लेट दूसरे के नीचे खिसकती है और मेंटल से मिलती है। इस प्रक्रिया को सबडक्शन या सम्मिलन कहा जाता है।

• सबडक्शन(gibraltar subduction) की शुरुआत विल्सन चक्र की एक मूलभूत विशेषता है। विल्सन चक्र क्रमशः समुद्र तल के फैलाव और सबडक्शन के कारण महासागर बेसिनों का बार-बार खुलना और बंद होना है।

• सबडक्शन के कारण गहरे गर्त, भूकंप और ज्वालामुखी बनते हैं। ये ज्वालामुखी अक्सर महासागरों में अभिसारी सीमाओं के साथ-साथ द्वीप चाप भी बनाते हैं।

अटलांटिक में सबडक्शन ज़ोन:

• वैज्ञानिक अटलांटिक जैसे परिपक्व महासागरों में सबडक्शन ज़ोन के निर्माण को एक दुर्लभ घटना मानते हैं। उल्लेखनीय है कि अटलांटिक का निर्माण सुपरकॉन्टिनेंट के टूटने से हुआ था।

• इसे एक दुर्लभ घटना इसलिए माना जाता है क्योंकि ऐसे अत्यंत प्राचीन महासागरों में पाया जाने वाला स्थलमंडल मोटा और कठोर होता है।  इस कारण वे आसानी से टूटते या मुड़ते नहीं हैं। ये टूटन और तह प्रतिरोधी किनारों से घिरे महासागरों में सबडक्शन की प्रक्रिया की शुरुआत के लिए एक शर्त है।

• इसके बावजूद, अटलांटिक में दो पूरी तरह से विकसित सबडक्शन जोन पाए गए हैं। ये हैं – लेसर एंटिलीज़ और स्कोटिया आर्क्स।

• इसके तीसरे सबडक्शन जोन, जिब्राल्टर आर्क के विकास की गति पिछले कुछ वर्षों में काफी धीमी हो गई थी। इससे यह दुविधा पैदा हुई कि यह सक्रिय है या नहीं।

अध्ययन के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र:

• जिब्राल्टर सबडक्शन अभी भी सक्रिय है और लंबे समय तक निष्क्रिय रहने के बाद अटलांटिक में आगे बढ़ेगा।

• सिकुड़ते महासागर (लिगुरियन) से शुरू होने वाला सबडक्शन जोन एक संकीर्ण समुद्री गलियारे के माध्यम से नए खुले महासागर (अटलांटिक) में प्रवेश कर सकता है

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