Mon. Dec 23rd, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने ई-श्रम पोर्टल(e shram) पर पंजीकृत प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ई-श्रम(e shram) पोर्टल पर पंजीकृत प्रवासी मजदूरों को दो महीने के भीतर राशन कार्ड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

• ई-श्रम(e shram) पोर्टल केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का पोर्टल है। इसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करना है, ताकि उन्हें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा सके।

• इस पोर्टल(e shram) पर करीब 29 करोड़ श्रमिक पंजीकृत हैं। इनमें से करीब 8 करोड़ श्रमिकों के पास राशन कार्ड नहीं हैं। इस वजह से उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 के तहत सब्सिडी वाला खाद्यान्न नहीं मिल पा रहा है।

• उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा “एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी)” योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत प्रवासी श्रमिकों को एनएफएसए के तहत खाद्य सुरक्षा प्रदान की जा रही है।

 • इस योजना के तहत प्रवासी लाभार्थी को अपने प्रवास के राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में तथा उसके परिवार को उसके मूल राज्य में रियायती दर पर राशन प्राप्त करने की अनुमति है।

• सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि एनएफएसए, 2013 की धारा 3 में परिभाषित कोटे के बावजूद राशन कार्ड जारी किए जाने चाहिए।

• अधिनियम की धारा 3 उन प्रभावित परिवारों के लिए प्रावधान करती है, जिन्हें रियायती दर पर खाद्यान्न प्राप्त करने का अधिकार है।

• यह कानून प्राथमिकता वाले परिवारों को हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम रियायती दर पर खाद्यान्न प्राप्त करने का अधिकार देता है। इसके अतिरिक्त, एनएफएसए अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के परिवारों को हर महीने प्रति परिवार 35 किलोग्राम रियायती दर पर खाद्यान्न प्राप्त करने का अधिकार है।

• वर्तमान में, सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत एएवाई और प्राथमिकता वाले परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान कर रही है।

 

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के बारे में:

• NFSA खाद्य सुरक्षा के लिए “कल्याण-आधारित दृष्टिकोण” से “अधिकार-आधारित दृष्टिकोण” की ओर बदलाव का प्रतीक है।

• इसे उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित किया जाता है।

• यह अधिनियम लगभग 80 करोड़ लोगों को कानूनी रूप से सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने का अधिकार देता है, यानी ग्रामीण क्षेत्र की 75% और शहरी क्षेत्र की 50% आबादी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *