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तपेदिक /क्षय, जिसे अक्सर ट्यूबरक्लोसिस (TB) कहा जाता है।  यह बैक्टीरिया से होने वाला संक्रमण है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है।  यह माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के कारण होता है।  आम तौर पर यह किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर हवा के माध्यम से फैलता है।  इसके लक्षणों में खांसी, सीने में दर्द, थकान, वजन कम होना और बुखार शामिल हैं।

 टीबी के लिए जिम्मेदार प्राथमिक एजेंट माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस है न कि स्टैफिलोकोकस ऑरियस। 

 ये बैक्टीरिया आमतौर पर फेफड़ों पर हमला करते हैं। लेकिन टीबी(TB) के बैक्टीरिया शरीर के किसी भी हिस्से, जैसे किडनी, रीढ़ और मस्तिष्क पर हमला कर सकते हैं।  टीबी बैक्टीरिया से संक्रमित हर व्यक्ति बीमार नहीं पड़ता।  

परिणामस्वरूप, टीबी(TB) संक्रमण से संबंधित दो स्थितियाँ हैं: गुप्त टीबी संक्रमण (एलटीबीआई) और टीबी रोग। 

 मंटौक्स ट्यूबरकुलिन त्वचा परीक्षण (टीएसटी) यह परीक्षण करने की एक विधि है कि कोई व्यक्ति माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस से संक्रमित है या नहीं।  इससे ब्लड शुगर की जांच नहीं की जाती है।

 ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2023 के मुताबिक, टीबी के मामलों में गिरावट आई है।  इसके कारण वैश्विक टीबी मामलों में गिरावट की दर लगभग दोगुनी हो गई है।  अनुमानित टीबी(TB) मामलों का उपचार कवरेज बढ़कर 80% हो गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 19% अधिक है।  भारत में, 2015 से टीबी की घटनाओं में 16% की गिरावट आई है और टीबी(TB) मृत्यु दर में 18% की गिरावट आई है।

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