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हाल ही में, केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने 2030 तक Foot and Mouth disease/FMD-मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में उठाए गए उपायों की समीक्षा की।

खुरपका और मुंहपका रोग(Foot and Mouth disease/FMD) के बारे में:

यह गाय, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर जैसे दो खुर वाले पशुओं का एक अत्यधिक संक्रामक वायरल वैस्कुलर रोग है।

घोड़ों, कुत्तों या बिल्लियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

यह रोग पिकोर्नवीरिडे परिवार के एफ़्थोवायरस के कारण होता है।

Foot and Mouth disease/FMD

लक्षणों का दिखना:

बुखार और जीभ व होठों पर, मुंह में और उसके आसपास, स्तन ग्रंथियों पर तथा खुरों के आसपास छाले ।

Foot and Mouth disease/FMD

संक्रमण का फैलना:

संक्रमित जानवरों के साथ सीधा संपर्क से,

दूषित चारा, पानी और उपकरण से,

मनुष्य, संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से भी वायरस फैला सकते हैं।

रोकथाम के उपाय:

टीकाकरण,

जैव सुरक्षा उपाय (जैसे, संगरोध, कीटाणुशोधन),

पशुओं की आवाजाही पर नियंत्रण,

शवों और दूषित सामग्रियों का उचित निपटान।

उपचार कैसे करें:

सहायक देखभाल (जैसे, आराम, जलयोजन, दर्द प्रबंधन)

द्वितीयक संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जा सकता है

गंभीर मामलों में, मानवीय इच्छामृत्यु आवश्यक हो सकती है

FMD बीमारी के क्या प्रभाव है:

दूध उत्पादन में कमी, ग्रोथ में कमी, बांझपन, पशु उत्पादों पर व्यापार प्रतिबंध आदि के कारण महत्वपूर्ण आर्थिक नुकसान,

व्यापक प्रकोप की संभावना यदि तुरंत नियंत्रित नहीं किया गया।

उठाए गए कदमः

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रमः

यह कार्यक्रम FMD और ब्रुसेलोसिस के उन्मूलन के लिए चलाया जा रहा है।

यदि आपको अपने पशुओं में एफएमडी का संदेह है, तो तुरंत अपने स्थानीय पशु स्वास्थ्य प्राधिकरण से संपर्क करें।

https://newsworldeee.com/leprosy/education/

2 thoughts on “जानिए खुरपका और मुंहपका रोग (Foot and Mouth disease/FMD) के बारे में, कैसे बचाए अपने पशुओं को?”

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