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ऐसी घटनाएं युद्ध(Missile War Attack) से जुड़े नैतिक पक्ष को लेकर बहस को जन्म देती हैं। इससे यह प्रश्न उत्पन्न होता है कि क्या युद्ध कभी उचित ठहराया जा सकता है।

टॉल्स्टॉय के अनुसार किसी भी परिस्थिति में युद्ध को उचित नहीं माना जा सकता है, बल्कि यह एक अपराध है।

हालांकि, ‘जस्ट वॉर थ्योरी’ यानी “न्यायपूर्ण युद्ध सिद्धांत” यह मानता है कि कुछ परिस्थितियों में युद्ध को नैतिक रूप से सही ठहराया जा सकता। 

युद्ध में(Missile War Attack) शामिल प्रमुख हितधारक और उनके हित:

देशः 

ये क्षेत्र या सीमा से जुड़े विवादों को सुलझाने जैसे कुछ उद्देश्यों की पूर्ति के लिए युद्ध करते हैं।

नागरिकः 

ये युद्ध की समाप्ति की इच्छा रखते हैं और साथ ही राष्ट्रीय हित को पूरा करने की भी इच्छा रखते हैं।

सैनिकः 

ये अपने देश और उसके हितों की रक्षा करने में विश्वास रखते हैं।

उद्योग एवं वित्तीय संस्थानः 

ये आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान, निवेश की हानि जैसे संकटों का सामना करते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय समुदायः 

इनकी भागीदारी मानवीय सहायता व कूटनीतिक समर्थन प्रदान करने या शांति स्थापना प्रयासों में होती है।

Missile War Attack

युद्ध(Missile War Attack) से जुड़े नैतिक मुद्दे:

युद्ध का खामियाजा मानव जीवन की हानि के रूप में चुकाना पड़ता है। इसमें आम नागरिकों, महिलाओं और बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ती है।

शत्रु देश के नागरिकों, युद्धबंदियों आदि के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। यह नैतिक मूल्यों या नैतिक समानता के खिलाफ है।

नैतिक समानता (Moral Equality) के अनुसार सभी मनुष्य समान मूल्य के हैं और वे समान गरिमा के हकदार हैं।

युद्ध के दौरान कई प्रकार के युद्ध-अपराध और यातना की घटनाएं सामने आती हैं।

इनमें नरसंहार और बिना किसी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई के मौत की सजा दे देना शामिल हैं।

युद्ध की वजह से हथियारों की स्पर्धा शुरू होने और सामूहिक विनाश के हथियारों के इस्तेमाल का खतरा बना रहता है।

Missile War Attack

जस्ट वॉर थ्योरी या न्यायपूर्ण युद्ध का सिद्धांत:

वैदिक साहित्य, महाभारत आदि प्राचीन भारतीय ग्रंथों में न्यायपूर्ण युद्ध पर जोर दिया गया है।

अरस्तू, सिसरो, ऑगस्टीन जैसे पाश्चात्य दार्शनिकों ने अपने विचारों में किसी न किसी रूप में “न्यायपूर्ण युद्ध” के दर्शन का समर्थन किया है।

इस सिद्धांत में निम्नलिखित तत्व या मूल्य शामिल हैं:

जूस एड बेलम (युद्ध को नैतिक ठहराने वाले तर्क): इसके अनिवार्य घटकों में निम्नलिखित शामिल हैं:

(1) युद्ध का कारण न्यायसंगत होना चाहिए;

(2) युद्ध का निर्णय सही प्राधिकारी द्वारा लिया गया हो;

(3) युद्ध अंतिम उपाय के रूप में होना चाहिए; आदि।

जूस इन बेल्लो (युद्ध के दौरान पालन किए जाने वाले नैतिक सिद्धांत): इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

युद्धबंदियों के साथ मानवतापूर्ण व्यवहार करना;

नागरिकों को हानि नहीं पहुंचाना; तथा

बल का असंगत उपयोग न करना।

जूस पोस्ट बेलम (युद्ध के बाद न्याय करना)।

https://newsworldeee.com/iran-israel-war/india-world-news/

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