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माता नी पछेड़ी(Mata Ni Pachhedi) गुजरात की एक प्राचीन हस्तकला है।

यह एक धार्मिक टेक्सटाइल लोक कला है। चित्रकला की यह शैली कलमकारी शैली से प्रभावित है।

माता नी पछेड़ी से आशय है “देवी मां की मूर्ति के पीछे”। माता नी पछेड़ी चित्रकला का अन्य रूप “माता नो चंदावों” है।

माता नी पछेड़ी(Mata Ni Pachhedi) चित्रकला के बारे में:

Mata Ni Pachhedi

वाघरी समुदाय इन पछेड़ियों की पेंटिंग के लिए जाने जाते हैं।

इन चित्रों(Art) का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों के लिए किया जाता है। यह पेंटिंग केवल पुरुष करते हैं।

इस शैली की पेंटिंग के केंद्र में देवी चित्रित होती हैं। इनके चारों ओर भक्तों, वनस्पतियों और जीवों का चित्र बनाया जाता है।

चित्र बनाने के लिए बांस की छड़ी से बने कलम का उपयोग किया जाता है।

इस पेंटिंग में मुख्य रूप से मैरुन, काले, सफेद रंग का इस्तेमाल किया जाता है।

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One thought on “UPSC: चर्चा में रहीं माता नी पछेड़ी चित्रकला(Mata Ni Pachhedi)”

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