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केंद्र सरकार ने डार्क नेट(Dark web/Darknet) पर UGC-NET परीक्षा का पेपर लीक होने के कारण इसे रद्द कर दिया।

डार्क नेट / डार्क वेब(Dark web/Darknet) के बारे में:

यह इंटरनेट का वह हिस्सा है जिसे गूगल जैसे पारंपरिक सर्च इंजनों के माध्यम से एक्सेस नहीं किया जा सकता है।

साथ ही, इसे क्रोम या सफारी जैसे सामान्य ब्राउज़र्स के माध्यम से भी एक्सेस नहीं किया जा सकता है।

इसमें आम तौर पर नॉन-स्टैण्डर्ड कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल्स का उपयोग किया जाता है।

इसलिए यह इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISPs) या सरकारी अधिकारियों के लिए एक्सेसेबल नहीं होता है।

डार्क नेट पर सभी कंटेंट एन्क्रिप्टेड होता है।

इसलिए इसके वेब पेज को एक्सेस करने के लिए विशेष प्रकार के ब्राउज़र (जैसे कि द ओनियन रिंग (TOR) ब्राउज़र) की आवश्यकता होती है।

डार्क नेट, डीप वेब का केवल एक हिस्सा है।

डीप वेब एक व्यापक अवधारणा है, जिसमें पासवर्ड द्वारा सुरक्षित साइट्स होती हैं। (इन्फोग्राफिक देखें)।

Dark web/Darknet

सरफेस वेबः

जन सामान्य के लिए आसानी से उपलब्ध और मानक सर्च इंजनों द्वारा एक्सेस किए जा सकने वाले इंटरनेट के भाग को “सरफेस वेब” कहते हैं।

उपयोगः

डार्कनेट(Dark web/Darknet) का उपयोग निम्नलिखित द्वारा किया जाता है:

दमनकारी व्यवस्था में काम करने वाले पत्रकारों और नागरिकों द्वारा,

ताकि वे बिना किसी सरकारी सेंसरशिप के आपस में संवाद कर सकें;

शोधकर्ताओं और छात्रों द्वारा, ताकि वे संवेदनशील विषयों पर शोध कर सकें;

कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा आदि।

चिंताएं:

कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान जाहिर किए बिना डार्क नेट का इस्तेमाल कर सकता है।

इसके परिणामस्वरूप इंटरनेट का यह हिस्सा अवैध गतिविधियों,

नशीली दवाओं के कारोबार, आतंकवादियों द्वारा संचार, चाइल्ड पोर्नोग्राफी आदि को बढ़ावा दे सकता है।https://newsworldeee.com/indus-waters-treaty/india-world-news/https://newsworldeee.com/self-respect-marriage/

9 thoughts on “UGC-NET परीक्षा का पेपर डार्क नेट/डार्क वेब(Dark web/Darknet) पर लीक हुआ था”

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