केसर (क्रोकस सैटिवस एल.) एक बारहमासी पौधा है। यह इरिडेसी के आइरिस परिवार से संबंधित है। ये दुनिया का सबसे महंगा मसाला है। गर्भावस्था(Saffron in pregnancy) के दौरान इसके अनेक फायदे हैं।
यह अपनी विशेष सुगंध और रंग के लिए जाना जाता है।
इसका उपयोग खाद्य पदार्थों में स्वाद और रंग बढ़ाने और औषधीय और फार्मास्युटिकल उद्योगों में किया जाता है।
गर्भवती महिलाओं( Saffron in pregnancy) के लिए केसर के फायदे:
केसर के सेवन से सेरोटोनिन हार्मोन का उत्पादन होता है,जो मूड में सुधार करता है,और तनाव हार्मोन कोर्टिसोल को भी कम करता है।
गर्भावस्था के दौरान कब्ज, गैस और सूजन कुछ आम शिकायतें हैं।
केसर पाचन तंत्र में खून के प्रवाह को बढ़ावा देता है और चयापचय को बढ़ाता है।
बच्चे के मूवमेंट में मददगार
एक गिलास केसर और दूध पीते ही अपने बच्चे की हलचल महसूस कर सकती हैं।
केसर से शरीर की गर्मी बढ़ने पर आप बच्चे की हलचल को महसूस कर सकते हैं।
हालांकि, ज्यादा मात्रा में केसर के सेवन से बचें और ध्यान रखें कि शिशु की हरकतें भी कुछ महीनों के बाद ही महसूस की जा सकती हैं।
अत्यधिक उच्च क्रोसिन सामग्री और समृद्ध सुगंध के कारण, कश्मीर केसर की दुनिया भर में मांग है।
कश्मीरी केसर की कीमत भी स्पेन या ईरान में उत्पादित केसर से अधिक होती है।
केसर के लाल पुंकेसर का तीव्र रंग, स्वाद और सुगंध इसे सबसे महंगा बनाती है।केसर के फूलों को तोड़ने के बाद, गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इसे धूप में सुखाया जाता है, पुंकेसर को अलग किया जाता है और फिर हाथ से वर्गीकृत किया जाता है।
केसर कश्मीर और किश्तवाड़ की अच्छी जल निकास वाली करेवा भूमि पर उगाया जाता है।
यहां फूलों की वृद्धि और केसर के उत्पादन के लिए अनुकूल जलवायु परिस्थितियाँ मौजूद हैं।
यह 1500-2000 मीटर की ऊंचाई पर उगता है।
ईरान, भारत, स्पेन और ग्रीस प्रमुख केसर उत्पादक देश हैं। यह ईरान में सर्वाधिक क्षेत्रफल में उगाया जाता है।
साथ ही, यह दुनिया का लगभग 88% केसर पैदा करता है। हालाँकि केसर ईरान के बाद भारत में सबसे अधिक क्षेत्र में उगाया जाता है,
लेकिन दुनिया के कुल केसर उत्पादन में इसका योगदान केवल 7 प्रतिशत है।
सितंबर 2019 में, कश्मीर के केसर को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प्राप्त हुआ।
यह टैग इसकी गुणवत्ता को बरकरार रखने में मददगार साबित होगा।
केसर की खेती मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर के चार जिलों (पुलवामा, बडगाम, श्रीनगर और किश्तवाड़) में की जाती है।
पंपोर विरासत स्थल में 3200 हेक्टेयर में केसर उगाया जाता है। देश में केसर की 86 फीसदी खेती पुलवामा जिले के पंपोर में होती हैं।