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एक नए शोध के अनुसार, समुद्री खीरों(Sea cucumber) की संख्या बढ़ने से प्रवाल भित्तियों को पुनर्जीवित करने में मदद मिल सकती है।

समुद्री खीरे(Sea cucumber) के बारे में:

समुद्री खीरा एकाइनोडर्म (समुद्री अकशेरुकी) नामक जीव समूह का हिस्सा है। इस समूह में स्टारफिश और सी अर्चिन (समुद्री साही) भी शामिल हैं।

इन्हें उष्णकटिबंधीय समुद्रों के पहरेदार के रूप में जाना जाता है।

इसका कारण यह है कि ये विघटित होने वाले कार्बनिक पदार्थों का उपभोग करते हैं और,

उन्हें पुनर्चक्रण योग्य पोषक तत्वों में परिवर्तित करते हैं।

इसके अलावा, समुद्र के अम्लीकरण को भी रोकते हैं।

ये जीव लैंगिक और अलैंगिक, दोनों तरीके से प्रजनन करते हैं।

भारत में, इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1 के तहत संकटग्रस्त प्रजाति के रूप सूचीबद्ध किया गया है।

खतरेः अवैध तरीके से संग्रहण, व्यापार और तस्करी।

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