RBI ने अपनी हालिया मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार आठवीं बार रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर यथावत रखने का फैसला किया। RBI ने स्टिकी इन्फ्लेशन(Sticky Inflation) की स्थिति को इसका मुख्य कारण बताया है।
स्टिकी इन्फ्लेशन(Sticky Inflation) के बारे में:
मांग एवं आपूर्ति में होने वाले बदलाव के अनुसार जब वस्तु और सेवाओं की कीमतों में,
उसी अनुरूप तेजी से बदलाव नहीं हो तो उस स्थिति को स्टिकी इन्फ्लेशन कहा जाता है।
इसके चलते मुद्रास्फीति स्थायी तौर पर बनी रहती है।
मजदूरी की बढ़ती दरें तथा उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में वृद्धि को आम तौर पर स्टिकी इन्फ्लेशन का मुख्य कारण माना जाता है।
स्टिकी इन्फ्लेशन की स्थिति के कारण मौद्रिक प्राधिकरण (जैसे- RBI) मौद्रिक नीति को कठोर बनाने और,
ब्याज दरों को बढ़ाने के लिए प्रेरित हो सकते हैं।