चीन के मानव रहित अंतरिक्ष यान चांग ‘ई-6(chang e 6 mission) ने चंद्रमा के अंधकार वाले हिस्से यानी फार साइड(Far side of the Moon) पर उतरने में सफलता प्राप्त की है। यह दूसरी बार है जब चीन का यान फार साइड पर उतरा है।
अब तक कोई भी अन्य देश चंद्रमा के फार साइड पर अपना कोई अंतरिक्ष यान नहीं उतार सका है।
भारत का चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा के नियर-साइड वाले हिस्से में दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था।
चंद्रमा के “फार साइड”(Far side of the Moon) के बारे में:
यह चंद्रमा का वह गोलार्ध या हिस्सा है, जो पृथ्वी से कभी दिखाई नहीं देता है। इसलिए, इसे चंद्रमा का डार्क साइड भी कहा जाता है।
ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के कारण चंद्रमा पृथ्वी के साथ टाइडली लॉक्ड है।
इसका अर्थ है कि चंद्रमा को अपनी धुरी पर घूर्णन में ठीक उतना ही समय लगता है,
जितना कि इसे पृथ्वी के चारों ओर मासिक परिक्रमा पूरी करने में लगता है।
इसकी वजह से चंद्रमा का एक हिस्सा हमेशा पृथ्वी की ओर बना रहता है।
पूर्व सोवियत संघ के लूना 3 अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा के फार साइड की पहली तस्वीर ली थी।
चंद्रमा के नियर साइड की तुलना में “फार साइड” की परत मोटी है तथा इस हिस्से में क्रेटर अधिक हैं,
लेकिन लावा निर्मित मैदान कम हैं।
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