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डायड्रोमस मछली(Diadromous Fish) प्रजातियों के संरक्षण के लिए नामित समुद्री संरक्षित क्षेत्र उनके मूल पर्यावासों के अनुरूप नहीं हैं।

डायड्रोमस मछली(Diadromous Fish) प्रजाति के बारे में:

यह अपने जीव-चक्र के अलग-अलग चरणों में लवणीय और ताजे जल के वातावरण के बीच नियमित प्रवास करती रहती है। उदाहरण के लिएः बुल शार्क आदि।

ये प्रजातियां ताजे जल और समुद्री वातावरण के बीच ऊर्जा एवं समुद्र-व्युत्पन्न पोषक तत्वों का परिवहन करके महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं प्रदान करती हैं।

यह एक प्रजाति समूह है।

इसमें एनाड्रोमस और कैटाड्रोमस, दोनों प्रकार की मछली प्रजातियां शामिल हैं।

एनाड्रोमस मछलीः

यह प्रजाति अपना अधिकांश जीवन लवणीय जल में बिताती है परन्तु प्रजनन ताजा जल में करती है।

उदाहरण के लिएः चिनूक सैल्मन आदि।

कैटाड्रोमस मछलीः

यह प्रजाति अपना अधिकांश जीवन ताजा जल में बिताती है परन्तु प्रजनन लवणीय जल में करती है।

उदाहरण के लिए: नॉर्थ अमेरिकन ईल आदि।

खतरेः पर्यावास का विनाश, प्रवासन में बाधाएं (जैसे बांध) आदि।

One thought on “UPSC: चर्चा में डायड्रोमस मछली(Diadromous Fish)”

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