आंध्र प्रदेश में महुआ शराब पर स्पेशल एनफोर्समेंट ब्यूरो के छापे ने कोया जनजाति(Koya Tribe) को निशाना बनाया है।
गौरतलब है कि महुआ शराब बनाना कोया जनजाति की पारंपरिक प्रथाओं का हिस्सा रहा है।
इसलिए, एनफोर्समेंट ब्यूरो के छापे को कोया समुदाय की पारंपरिक प्रथाओं के खिलाफ माना जा रहा है।
महुआ एक उष्णकटिबंधीय वृक्ष है। इस वृक्ष को कोया जनजाति पवित्र मानती है। इसके फूलों का उपयोग शराब बनाने में किया जाता है।
कोया जनजाति(Koya Tribe) के बारे में:
निवास स्थानः ये गोदावरी जिले (आंध्र प्रदेश) के उत्तर की ओर तथा मलकानगिरी जिले (ओडिशा) में पहाड़ियों एवं वनों में रहते हैं।
व्यवसायः
परंपरागत रूप से, कोया चरवाहे और स्थानांतरित कृषक रहे हैं। हालांकि, अब उन्होंने स्थायी खेती करना शुरू कर दिया है।
ये मुख्य रूप से धान, मक्का, मंडिया (मिलेट) और तम्बाकू पत्ती की खेती करते हैं।
संस्कृतिः
ये कोया भाषा बोलते हैं, जो द्रविड़ भाषा परिवार से संबंधित है।
कोया समुदाय कई वार्षिक धार्मिक त्यौहार जैसे बिज्जा पांडु, कोडता पांडु, बिमुद पांडु आदि मनाता है।