सीमा वाले देश है: पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है।(Afghanistan create a problem)
भारत और चीन को छोड़कर अन्य सभी देशों की समस्या चरमपंथी समूह द्वारा अस्थिरता करना और,
सबसे अधिक समस्या अफगानिस्तान से आते शरणार्थी और ड्रग की बढ़ती तस्करी है।
पहले से ही पार्क पर इल्जाम लगते रहे हैं कि वह तालिबान की मदद करता रहा है,
सबसे पहले पाकिस्तान ने ही तालिबान को सत्ता की मान्यता दी थी।
पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान के चरमपंथी समूह द्वारा पाकिस्तान में हमले किए जा रहे हैं जिससे उसकी मुश्किलें और भी बढ़ गई है
खासतौर से ये हमले तालिबान का सत्ता में आने से बढ़े हैं।
TTP के लगभग 6 हजार लड़ाके अफगानिस्तान में छिपे हैं।
इन दोनों देशों के बीच 2640 किलोमीटर लंबी बॉर्डर है,
इस पर पाकिस्तान ने भाड़ लगाने का कार्य लगभग पूरा कर लिया है
शरणार्थियों की समस्या (Afghanistan create a problem):
दूसरी समस्या पाक में लगभग 30 लाख शरणार्थी मौजूद है।
जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बोझ बड़ा है,
जिसमें से 5 लाख 11 हजार शरणार्थियों को पाकिस्तान ने वापस भेज दिया हैं।
वहीं ईरान की सीमा लगभग 921 किलोमीटर पर भाड़ का कार्य पूरा हो चुका है इनका मानना है कि,
इस्लामिक स्टेट जैसे जिहादी समूहों का खतरा बढ़ रहा है अफगानिस्तान से ड्रग तस्करी भी बढ़ रही है
यह वह रास्ता है जिससे पूरे यूरोप के कई देशों में ड्रग पहुंचाई जा सकती है
यहां शरणार्थियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
वही ताजिकिस्तान ने आरोप लगाया है कि अंसारुल्लाह जैसे चरमपंथी समूह संगठन घुसपैठ कर रहे हैं। ईरान के साथ तुर्कमेनिस्तान की भी लगभग 170 किलोमीटर लंबी सीमा है।
ईरान की दीवार:
ईरान ने भी लगभग अपनी दीवार का कार्य पूरा कर लिया है।
तुर्कमेनिस्तान में भी लगभग 3 लाख अफगानी प्रवासी है।
तुर्कमेनिस्तान का मानना है कि ईरान के रास्ते तुर्कमेनिस्तान में प्रवासी दाखिल हो रहे हैं
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने सभी देशों को आगाह किया कि तालिबान एवं अलकायदा के बीच घनिष्ठ संबंधों के कारण आने वाले समय में खतरा पैदा हो सकता है।
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