एक गैर-सरकारी संगठन ने 2026 तक पूरे बेंगलुरु शहर में 10,000 अंतःस्रवण कुएँ(Percolation wells) बनाने की महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है।
अंतःस्रवण कुओं(Percolation wells) के बारे में:
• ये मिट्टी के बांध होते हैं। इनके अंदर कंक्रीट के घेरे बने होते हैं और उनमें बजरी भरी होती है।
• यह प्रणाली कैसे कार्य करती है: वर्षा जल अंतःस्रवण कुएं में पहुंचता है,
तथा फिर पानी कई परतों से होकर मिट्टी में रिसता रहता है और जमीन के नीचे चला जाता है। परिणामस्वरूप,
प्राकृतिक जलभृत (Aquifer) फिर से जल से भर जाते हैं।
• जलभूत चट्टान और / या तलछट की एक संरचना है, जिसमें भौमजल (Ground- water) भरा रहता है।
• महत्त्वः भूजल स्तर में सुधार होता है और बाढ़ को रोका जा सकता है।
अन्य जल-संचयन संरचनाएं:
• कुंड या टांका (राजस्थान);
• पैट (मध्य प्रदेश);
• एरी (तमिलनाडु) आदि।