भारत-चीन(India- China) व्यापार की स्थिति:
भारत से चीन(India- China) को निर्यात वित्त वर्ष 2023 के 15.33 बिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 16.67 बिलियन डॉलर हो गया।
चीन को निर्यात की जाने वाली प्रमुख मदों में लौह अयस्क, सूती धागा, कपास, क्वार्ट्ज आदि शामिल हैं।
चीन से भारत(India- China) में आयात वित्त वर्ष 2023 के 98.51 बिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 101.75 बिलियन डॉलर हो गया।
इससे वित्त वर्ष 2024 में द्विपक्षीय व्यापार घाटा बढ़कर 85.08 बिलियन डॉलर हो गया है।
चीन से आयातित प्रमुख मदों में प्लास्टिक, स्टील उत्पाद, उर्वरक आदि शामिल हैं।
व्यापार घाटा बढ़ने के कारण(India- China):
भारत से चीन को मुख्य रूप से कुछ मदों जैसे कि कच्चे माल और खनिजों का निर्यात किया जाता है।
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा और कार्बन न्यूट्रैलिटी पर ध्यान केंद्रित करने के कारण,
सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों आदि के लिए सामग्री के आयात में वृद्धि हुई है।
भारत में विनिर्माण इकाइयों के विकास से चीन से कच्चे माल के आयात में वृद्धि हुई है।
कम लागत या सस्ती होने के कारण कंपनियां चीन से आपूर्ति प्राप्त करने को प्राथमिकताएं दे रही हैं।
व्यापार घाटा कम करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदम
भारतीय विनिर्माताओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने, निवेश आकर्षित करने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग क्षेत्रकों के लिए उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की गई हैं।
यूरोपीय संघ, कनाडा आदि के साथ व्यापार सुविधा समझौतों पर हस्ताक्षर और वार्ता करके भारत के व्यापार भागीदारों का विस्तार किया गया है।
आगे की राह:
आसियान देशों से आयात बढ़ाने पर विचार किया जाना चाहिए।
भारत के घरेलू विनिर्माण आधार और निर्यात को बढ़ावा देना चाहिए।
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