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• आर्टेमिस एकॉर्ड्स(Artemis Accords) की स्थापना 2020 में नासा ने अमेरिकी विदेश विभाग के समन्वय से की थी। इसके सात अन्य संस्थापक सदस्य देश भी हैं।

आर्टेमिस एकॉर्ड्स(Artemis Accords) के बारे में:

Artemis Accords पर स्वीडन द्वारा हस्ताक्षर करना

• इसकी स्थापना 1967 की बाह्य अंतरिक्ष संधि (OST) के आधार पर की गई है।

• ये एकॉर्ड्स सिद्धांतों का एक सेट हैं।

इन्हें 21वीं सदी में असैन्य उद्देश्य से अंतरिक्ष अन्वेषण और उपयोग का मार्गदर्शन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

• ये सिद्धांत बाध्यकारी नहीं हैं।

• ये एकॉर्ड्स असैन्य अंतरिक्ष कूटनीति में बहुपक्षीय नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं।

साथ ही, ये अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग के साझा विज़न वाले अलग-अलग देशों को भी एक साथ लाते हैं।

• भारत ने भी आर्टेमिस एकॉर्ड्स पर हस्ताक्षर किए हैं।

आर्टेमिस एकॉर्ड्स(Artemis Accords) पर हस्ताक्षर करने वालों की प्रतिबद्धताएं:

• अपनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष नीतियों और अंतरिक्ष अन्वेषण योजनाओं के संबंध में जानकारी के व्यापक प्रसार में पारदर्शिता सुनिश्चित करना।

• अंतर-संचालनीय (इंटर-ऑपरेबल) और साझा अन्वेषण अवसंरचना एवं मानकों के विकास को मान्यता देना।

इनमें संचार प्रणालियां, लैंडिंग संरचनाएं इत्यादि शामिल हैं।

• बाह्य अंतरिक्ष संधि, 1967 के अनुसार सरकारों या अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच समझौता ज्ञापनों को लागू करना।

• बाह्य अंतरिक्ष विरासतों को संरक्षित करना।

इनमें अंतरिक्ष यानों की ऐतिहासिक लैंडिंग साइट्स और खगोलीय पिंडों पर मानव गतिविधियों के साक्ष्य आदि शामिल हैं।

• अंतरिक्ष की कक्षाओं में मलबे को कम करना।

साथ ही, किसी अंतरिक्ष यान का उपयोग समाप्त होने पर उसका सुरक्षित तरीके से और समय पर निपटान सुनिश्चित करना।

बाह्य अंतरिक्ष के अन्वेषण व उपयोग को विनियमित करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संधियां:

बाह्य अंतरिक्ष संधि (1967):

यह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून के लिए फ्रेमवर्क प्रदान करती है।

बचाव (Rescue) समझौता (1968):

यह संकट में फंसे अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने और सहायता करने से संबंधित है।

दायित्व कन्वेंशन (1972):

यह कन्वेंशन प्रावधान करता है कि किसी कृलिम स्पेस ऑब्जेक्ट के गिरने से पृथ्वी की सतह पर हुए नुकसान या अंतरिक्ष यान को हुई क्षति के लिए प्रक्षेपण करने वाला देश मुआवजे का भुगतान करेगा।

रजिस्ट्रेशन कन्वेंशन (1976):

यह बाह्य अंतरिक्ष में प्रक्षेपित यानों के पंजीकरण का प्रावधान करता है।

मून एग्रीमेंट (1979):

यह प्रावधान करता है कि चंद्रमा और उस पर प्राप्त प्राकृतिक संसाधन मानव जाति की साझी विरासत हैं।

नोटः भारत ने मून एग्रीमेंट, 1979 को छोड़कर उपर्युक्त शेष सभी संधियों की अभिपुष्टि कर दी है।

वैसे, भारत ने मून एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, लेकिन अभिपुष्टि नहीं की है।

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