रिंगवूडाइट (Ringwoodite)
• शोधकर्ताओं की एक टीम ने जल के एक विशाल भंडार ‘रिंगवूडाइट (Ringwoodite) महासागर’ की खोज की है।
यह पृथ्वी की सतह से लगभग 700 कि.मी. नीचे मैंटल में स्थित है।
• रिंगवूडाइट महासागर पृथ्वी के मैटल में रिंगवुडाइट नामक खनिजों में मौजूद जल का एक विशाल भंडार है।
रिंगवूडाइट के बारे में:
• यह नीले रंग का एक चमकीला खनिज है।
इसका निर्माण पृथ्वी के मैंटल में उच्च तापमान और उच्च-दाब के कारण होता है।
• यह उल्कापिंडों में अत्यधिक उच्च दबाव में बनने वाले खनिजों में से एक है।
• इसका नाम ऑस्ट्रेलियाई भू-वैज्ञानिक अल्फ्रेड ई. रिंगवुड के नाम पर रखा गया है।
उन्होंने मैंटल में पाए जाने वाले आम खनिजों जैसे ओलिवाइन और
पाइरोक्सिन में पोलिमोर्फिक फेज ट्रांजिशन (Polymorphic phase transitions) का अध्ययन किया था।
रिंगवूडाइट (Ringwoodite) एक मांगनीज असिड सीलिकेट है
जो मैग्नेशियम अवशिष्ट, मांगनीज अवशिष्ट, और साथ ही लघु माइक्रोन क्रिस्टल्स के साथ भारी हिमसंघन में पाया जाता है।
यह पृथ्वी के मध्यमाधिक गहनता तक की गहनता में पाया जाता है
और इसकी विशेषता है कि इसको हमारे वातावरण में विशेष गहनता परिवर्तन के कारक के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
रिंगवूडाइट के पास गहनता बदलाव का कारण समझने में सहायता करने वाले विज्ञानिकों द्वारा इसकी खोज की गई थी।
रिंगवूडाइट का अध्ययन पृथ्वी की मंशीय सतह से नीचे गहराई, किए गए नमूनों के माध्यम से किया गया है।
इसका मतलब है कि यह पता लगाने के लिए पृथ्वी के वन उपादान में दिए गए प्रवाल के नमूने का उपयोग किया जाता है।
इसके आधार पर, विज्ञानियों ने यह प्रामाणिकता प्राप्त की है कि यह समय-संगठनित प्रक्रिया के दौरान गहनता के मामले में बदलाव के बीच मूल्यवान सूचक हो सकता है।
रिंगवूडाइट का अध्ययन महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका अच्छी तरह समझने से हम पृथ्वी की संरचना और पृथ्वी की मंशीय सतह के नीचे के गहनता के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अलावा, रिंगवूडाइट का अध्ययन भूकंपों और प्लेट तटबंधी संघर्षों को समझने में भी मदद कर सकता है।