भारतीय निर्वाचन आयोग ने 2024 के आम चुनावों में पहली बार ‘होम वोटिंग'(Home Voting) की सुविधा प्रदान करने की घोषणा की
• आयोग का यह कदम(Home Voting) उसके आदर्श वाक्य ‘कोई भी मतदाता पीछे न छूटे’ के अनुरूप है।
होम वोटिंग(Home Voting) सुविधा के बारे में:
• इस सुविधा के अंतर्गत(Home Voting), मतदान कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों की देखरेख में मतदाता के घर से मतदान कराया जाएगा।
इस दौरान मतदान की गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
लाभार्थीः
• 40% बेंचमार्क (संदर्भित) दिव्यांगता के तहत आने वाले दिव्यांग व्यक्ति (PWD); तथा
• 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक।
मतदान को समावेशी बनाने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा उठाए गए अन्य कदमः
• आयोग ने जम्मू और उधमपुर में रहने वाले कश्मीरी विस्थापितों के लिए फॉर्म-एम की बोझिल प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है। इससे उन्हें मतदान करने में आसानी होगी।
• आयोग ने SVEEP/ स्वीप (व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी) में दिव्यांगजनों को सम्मिलित करने का फैसला किया है।
साथ ही, आयोग द्वारा दिव्यांगजनों के मित्रों, परिवारों, मतदान अधिकारियों आदि को भी संवेदनशील बनाया जाएगा।
• प्रस्तावित बहु-निर्वाचन क्षेत्र रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM):
यह प्रवासी मतदाताओं को उनके मौजूदा निवास स्थान से अपने मत का प्रयोग करने में सक्षम बनाएगी।
• डाक मतपत्र:
यह डाक द्वारा मत भेजने की अनुमति देता है। निम्नलिखित व्यक्ति डाक द्वारा मतदान करने के पात्र हैं:
• विशेष मतदाता;
• सेवा मतदाता;
• इलेक्शन ड्यूटी पर तैनात मतदाता; और
• मतदाता जो प्रिवेंटिव डिटेंशन (Preventive detention) के अधीन हैं।
• प्रॉक्सी वोटिंगः इसके तहत पंजीकृत निर्वाचक अपने मतदान का अधिकार स्वयं द्वारा नामांकित प्रतिनिधि को सौंप सकता है। यह सुविधा केवल सेवा मतदाताओं के लिए ही उपलब्ध है।
सेवा मतदाताओं में शामिल हैं:
• सशस्त्र बलों के सदस्य;
• किसी राज्य के पुलिस बल का ऐसा सदस्य, जो उस राज्य के बाहर सेवा कर रहा हो;
• वह व्यक्ति जो भारत सरकार के अधीन भारत से बाहर किसी पद पर कार्यरत है।
• उस बल का सदस्य जिस पर सेना अधिनियम, 1950 लागू है।