वित्तीय क्षेत्रक में साइबर हमलों(Cyber Attacks) के बढ़ने के लिए जिम्मेदार कारण:
• समय के साथ डिजिटल वित्तीय सेवाओं का विस्तार हुआ है। इससे हैकर्स के लिए किसी व्यक्ति या संस्था को अपना(Cyber Attacks) लक्ष्य बनाना काफी आसान हो गया है।
आंतरिक खतरे(Cyber Attacks):
कई बार यूजर या किसी संस्थान के अधिकृत कर्मचारी की संस्थान में संवेदनशील डेटा तक पहुंच होती है।
यूजर या कर्मचारी अपने मौद्रिक लाभ के लिए जानबूझकर या अनजाने में इस डेटा का दुरुपयोग करता है।
साइबर सुरक्षा कौशल का अभावः
इसके कारण वित्तीय संस्थाओं पर साइबर हमलों(Cyber Attacks) का खतरा अधिक बढ़ गया है।
भूराजनीतिक तनावः
उदाहरण के लिए, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद साइबर हमलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
मैक्रो-फाइनेंशियल स्थिरता पर साइबर हमलों(Cyber Attacks) का प्रभाव:
• किसी वित्तीय संस्थान के ग्राहकों के गोपनीय डेटा सार्वजनिक हो जाने से उस संस्थान की कार्य-प्रणाली में विश्वास कम होने लगता है।
इसके परिणामस्वरूप, लोग शीघ्रता से उस संस्थान में जमा अपनी धनराशि निकालने लगते हैं।
• भुगतान नेटवर्क पर साइबर हमले व्यापार, ऑनलाइन बैंकिंग आदि सेवाओं को बाधित कर सकते हैं।
साथ ही, ये देश की वित्तीय स्थिरता को भी कमजोर कर सकते हैं।
• वित्तीय प्रणालियों के एक-दूसरे से जुड़े होने के कारण साइबर हमले वित्तीय प्रणालियों के नेटवर्क में तेजी से फैलते हैं।
इससे बाजार की स्थिरता प्रभावित होती है।
IMF की ‘ग्लोबल फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट’ 2024 के अनुसारः
• साइबर अपराध(Cyber Attacks) की घटनाओं से होने वाला नुकसान बढ़कर 2.5 बिलियन डॉलर हो गया है।
• कोविड-19 महामारी के बाद से साइबर हमलों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है।
• कुल साइबर हमलों का लगभग 20% वित्तीय कंपनियों को झेलना पड़ता है।
बैंक इन हमलों से सर्वाधिक प्रभावित होते हैं।
नीतिगत सिफारिशें:
• वित्तीय फर्मों द्वारा पर्यवेक्षी एजेंसियों को साइबर हमलों के बारे में रिपोर्टिंग करने के तंत्र को मजबूत किया जाना चाहिए।
• वित्तीय कंपनियों को साइबर हमलों से निपटते समय अपने परिचालन को बनाए रखने के लिए प्रतिक्रिया और रिकवरी प्रक्रियाओं का विकास एवं परीक्षण करना चाहिए।
विश्व साइबर अपराध सूचकांक:
• इस सूचकांक को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और UNSW कैनबरा ने संयुक्त साझेदारी में विकसित किया है।
• भारत साइबर अपराध की घटनाओं के मामले में 10वें स्थान पर है।
देश में अग्रिम शुल्क भुगतान से जुड़ी साइबर धोखाधड़ी की घटनाएं सबसे अधिक होती हैं।
• इस सूचकांक में रूस शीर्ष पर है, उसके बाद क्रमशः यूक्रेन और चीन का स्थान है।