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• यह(Land Use and Land Cover) एटलस राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC) ने जारी किया है।

इस एटलस का उद्देश्य पर्यावरण की विकासमान कार्यप्रणाली की बेहतर समझ प्रदान करने के लिए भूमि उपयोग पैटर्न का व्यवस्थित रूप से विश्लेषण करना है।

एटलस के(Land Use and Land Cover) मुख्य बिंदुओं पर एक नजर:

• कृषिः

पिछले 17 वर्षों में खरीफ और रबी फसल के उत्पादन क्षेत्र में क्रमशः 46.06% और 35.23% की वृद्धि दर्ज की गई है।

इसके विपरीत, परती भूमि में 45.19% की कमी आई है।

दोहरी / तिहरी या वार्षिक फसली वाले क्षेत्रों में भी 82.22% की वृद्धि हुई है। दोहरी / तिहरी फसली भूमि वे क्षेत्र (खेत) हैं,

जहां फसलें एक फसल वर्ष में दो / तीन बार बोई और काटी जाती है।

वार्षिक फसलें बारहमासी होती हैं और पूरे वर्ष उगाई जाती हैं जैसे- गन्ना ।

2005 के बाद से 2016-17 तक झूम खेती में वृद्धि हुई थी। इसके बाद इसमें गिरावट देखी गई है।

• जल संसाधनः

जल संसाधन से आशय है न्यूनतम जल वाला जल निकाय। एटलस से संकेत मिलता है कि 2005 के बाद से जल संसाधनों में 146% की वृद्धि हुई है।

• बिल्ट अप एरियाः

2005 के बाद से 30.77% की समग्र वृद्धि के साथ बढ़ोतरी दर्शाता है।

बिल्ट अप एरिया से तात्पर्य इमारतों, पक्की सतहों, वाणिज्यिक और औद्योगिक स्थलों एवं शहरी हरित क्षेत्रों से है।

• बंजरभूमि (निम्नीकृत और अनुत्पादक भूमि) ने बिल्ट अप एरिया के विस्तार में 12.3% का महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

▶ LULC(Land Use and Land Cover) में बदलाव के कारणः

कृषि इनपुट्स की बेहतर उपलब्धता जैसे बेहतर सिंचाई सुविधाएं, शहरीकरण, बुनियादी ढांचे का विकास आदि।

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