• वाडा की रिपोर्ट के अनुसार, जिन देशों में 2,000 से अधिक सैंपल्स का टेस्ट किया गया है, उन देशों में से भारत में डोप टेस्ट(Doping) में विफल रहने वाले एथलीटों का प्रतिशत सबसे अधिक दर्ज किया गया है।
• डोपिंग(Doping) किसी खेल प्रतिस्पर्धा में एथलीट्स द्वारा अपना प्रदर्शन बढ़ाने के लिए ऐसे सब्सटेंस या फिजियोलॉजिकल मीडिएटर्स का उपयोग है,
जो आमतौर पर मानव शरीर में प्राकृतिक रूप से मौजूद नहीं होते हैं।
डोपिंग(Doping) की घटनाओं के पीछे कारणः
• खेलों के माध्यम से लोकप्रियता हासिल करने की इच्छा,
• किसी चोट से उबरने के लिए,
• प्रौद्योगिकी में प्रगति,
• हर कीमत पर जीतने की मानसिकता,
• अनजाने में केमिकल्स का उपयोग आदि।
डोपिंग(Doping) में इस्तेमाल करने की विधियां:
• रक्त और रक्त घटकों में संशोधन, ताकि लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ाई जा सके,
• रासायनिक और भौतिक बदलाव, ताकि यूरिन जैसे सैंपल्स के साथ छेड़छाड़ की जा सके,
• जीन डोपिंग आदि।
खेल संबंधी नैतिकताः खेलों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और उसे सुनिश्चित करने वाली आचार संहिता को स्पोर्ट्स एथिक्स या खेल संबंधी नैतिकता कहा जाता है।
स्पोर्ट्स एथिक्स को डोपिंग(Doping) निम्नलिखित रूप में प्रभावित करती है:
• इससे खेल में निष्पक्षता तथा खेल की भावना, दोनों कमजोर होती है।
साथ ही, यह उत्कृष्टता प्रदर्शित करने के जुनून को भी हतोत्साहित करती है।
• डोपिंग कई मानव मूल्यों के खिलाफ है, जैसे-
> दृढ़ संकल्प (Perseverance):
डोपिंग(Doping) किसी लक्ष्य की प्राप्ति की और निरंतर बढ़ने की मंशा या दृढ़ संकल्प को चोट पहुंचाती है।
> साहसः यह किसी व्यक्ति की आगे बढ़ने और जोखिम लेने की इच्छा को दर्शाता है।
डोपिंग इस मूल्य पर भी कुठाराघात करती है।
• डोपिंग, खेल के नैतिक मूल्यों को हानि पहुंचाती है। साथ ही, यह हमारी इस सोच को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है कि खेल शिक्षाप्रद एवं स्वस्थ रहने का माध्यम होते हैं।
• कई बार डोपिंग की वजह से बेहतर प्रदर्शन करने वाले एथलीट को पुरस्कृत कर दिया जाता है।
आगे की राहः
• प्रभावी डोपिंग रोधी कार्यक्रम तैयार किए जाने चाहिए;
• एथलीट्स के लिए डोपिंग रोधी हेल्पलाइन की शुरुआत की जानी चाहिए;
• एथलीट्स को प्रतिबंधित पदार्थों के बारे में नियमित जानकारी देनी चाहिए।
डोपिंग-रोधी एजेंसियां:
• विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA):
इसकी स्थापना 1999 में एक अंतर्राष्ट्रीय स्वतंल एजेंसी के रूप में की गई थी।
इसका मुख्य कार्य खेल आयोजनों को डोपिंग मुक्त बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास करना है।
• इसका उद्देश्य सभी खेलों और सभी देशों में डोपिंग रोधी नियमों एवं नीतियों का विकास करना, उनमें सामंजस्य व समन्वय स्थापित करना तथा विश्व डोपिंग रोधी कार्यक्रम के अनुपालन की निगरानी करना है।
• राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA भारत):
इसे 2005 में स्थापित किया गया था। यह एक स्वायत्त संगठन है।
यह भारतीय खेल प्राधिकरण और राष्ट्रीय खेल महासंघों के सहयोग से डोपिंग(Doping) रोधी जागरूकता कार्यक्रम संचालित करती है।