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राष्ट्रपति ने कैंसर के लिए भारत की पहली स्वदेशी जीन थेरेपी (CAR-T cell therapy) लॉन्च की

इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे, टाटा मेमोरियल अस्पताल और इम्यूनो एसीटी के बीच सहयोग से विकसित किया गया है।

काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर्स (CAR) टी-सेल थेरेपी के बारे में:

CAR-T सेल थेरेपी(CAR-T cell therapy) एक नए प्रकार का सेलुलर इम्यूनोथेरेपी उपचार है।

इसमें उपचार के लिए टी-कोशिकाओं का उपयोग किया जाता है। इस उपचार पद्धति में कोशिकाओं को प्रयोगशाला में आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जाता है।

इसके बाद, ये बदली हुई कोशिकाएं कैंसर कोशिकाओं की पहचान करती हैं और उन्हें प्रभावी रूप से नष्ट कर देती हैं।

T-कोशिकाएँ प्रतिरक्षा क्षेत्र की स्वेत रक्त कोशिकाएँ होती हैं। ये संक्रमण पैदा करने वाले रोगजनकों (वायरस, बैक्टीरिया, कवक और वायरस) और कैंसर कोशिकाओं जैसे हानिकारक पदार्थों को रोकती हैं।

यह कोशिकाओं और साइटोटॉक्सिक कोशिकाओं तक पहुँचकर उन पर हमला करती है। 

• इस उपचार पद्धति में, रोगी के रक्त से टी-कोशिकाएँ ली जाती हैं।

प्रयोगशाला में फिर आनुवांशिक संशोधन के माध्यम से टी-कोशिकाओं में केमेरिक एंटीजन रिसेप्टर्स (CAR) प्रवेश कराया जाता हैं। 

इसके बाद ये कोशिकाएं CAR-T कोशिकाओं का उत्पन्न शुरू कर देती हैं।

फिर CAR-T कोशिकाओं को रोगी के शरीर में वापस डाला जाता है।

CAR प्रोटीन होते हैं। ये T-कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं पर मौजूद किसी खास प्रोटीन या एंटीजन को पहचानने और उनसे जुड़ने में मदद करते हैं।

CAR-T सेल थेरेपी(CAR-T cell therapy) के लाभ:

कैंसर का इलाज लंबे समय तक किया जा सकता है।

• इसमें खास तरह के कैंसर रोगों को पूरी तरह से ठीक करने की क्षमता होती है।

• इस तरह के इलाज में कम समय लगता है और रोगी जल्दी ठीक हो जाता है।

चुनौतियां:

• एक तरह के कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली CAR-T सेल थेरेपी(CAR-T cell therapy) दूसरे तरह के कैंसर के इलाज में उपयोगी साबित नहीं होती,

तंत्रिका तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

संक्रमण आदि का खतरा हो सकता है।

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