ताइवान में आए भूकंप का मुख्य कारण(Ring of Fire)रिंग ऑफ फायर हैं, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.4 मापी गई है।
• यह भूकंप(Ring of Fire) यूरेशियाई और फिलीपीन सागर प्लेट्स के बीच सीमा के पास व्युत्क्रम भ्रंशन (रिवर्स फॉल्टिंग) की वजह से आया है।
• व्युत्क्रम भ्रंशन भूपर्पटी में चट्टान के दो खंडों के बीच संपीडन बलों के कारण होने वाला विभाजन है।
वास्तव में, व्युत्क्रम श्रेशन में श्रेश के ऊपर का खंड, भ्रंश के नीचे के खंड के सापेक्ष ऊपर चला जाता है।
यह श्रेश गति संपीडनात्मक बलों के कारण होती है।
• ताइवान भूकंप प्रवण क्षेत्र है, क्योंकि यह प्रशांत महासागर में(Ring of Fire) “रिंग ऑफ फायर” बेल्ट में स्थित है।
रिंग ऑफ फायर(Ring of Fire) के बारे में:
• यह प्रशांत महासागर की सीमा के किनारे सक्रिय ज्वालामुखी और भूकंपीय गतिविधियों वाला क्षेत्र है।
मानचित्र में यह बेल्ट घोड़े की नाल के समान दिखाई देती है।
• पृथ्वी की सतह पर लगभग 90% भूकंप इसी बेल्ट में दर्ज किए जाते हैं।
साथ ही, पृथ्वी पर सक्रिय 75% ज्वालामुखी भी इसी क्षेत्र में स्थित हैं।
• (Ring of Fire)”रिंग ऑफ फायर” में अधिक भूकंप आने की वजह “प्लेट विवर्तनिकी” है।
वास्तव में, यह क्षेल कई विवर्तनिक प्लेट्स का मिलन बिंदु है। इनमें प्रशांत, जुआन डे फूका, कोकोस, भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई, नज़का, उत्तरी अमेरिकी और फिलीपीन जैसी प्लेट्स शामिल हैं।
• अधिकांश ज्वालामुखीय उद्गार प्रविष्ठन क्षेत्र (Subduction Zone) में होते हैं।
यह जोन अभिसरण (Convergent) प्लेट की सीमा होती है।
• जैसे ही भारी प्लेट हल्की प्लेट के नीचे धंस जाती है, तो भारी प्लेट पिघलने लग जाती है, जिससे मैग्मा बनता है। यही मैग्मा ज्वालामुखी उद्गार के साथ पृथ्वी की सतह पर लावा के रूप में बाहर निकलता है।
• प्रशांत और उत्तरी अमेरिकी प्लेट्स के बीच रिंग ऑफ फायर का विस्तार वास्तव में रूपांतरित सीमा क्षेल है।
इस सीमा पर प्लेट्स एक-दूसरे के साथ-साथ चलती हैं।
• यह सीमा बड़ी संख्या में भूकंप का कारण बनती है, क्योंकि भूपर्पटी में तनाव पैदा होता रहता है और मुक्त होता रहता है।